इंदौर में देख सकेंगे करोड़ों साल पुराने डायनासोर के अंडे, टिकट 10 रुपये, रालामंडल में फिर खुलेगा फॉसिल्स म्यूजियम

 

इंदौर। घूमने और ऐतिहासिक तत्थ्यों के जिज्ञासु लोगों के लिए फॉसिल्स म्यूजियम (जीवाश्म संग्रहालय) फिर से खुलने जा रहा है। रालामंडल अभ्यारण्य में टूरिस्ट के लिए इसे इंटरनेशनल टाइगर डे यानी 29 जुलाई को खोल दिया जाएगा। 13 एकड़ में फैले इस म्यूजियम को एनिमल जोन के पास बनाया है। डियर सफारी के साथ ही लोग यहां भी घूम सकेंगे। टिकट 10 रुपए रखा गया है।
वन विभाग इंदौर रेंज के डीएफओ नरेंद्र पंडवा ने बताया कि फॉसिल म्यूजियम रिनोवेशन लगभग पूरा हो चुका है। म्यूजियम को 29 जुलाई अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर शुरू करने की योजना बनाई है। वहीं रेंजर योगेश यादव ने बताया कि रालामंडल आने वाले पर्यटक अब करोड़ों वर्ष पुराने डायनासोर के अंडे और भीमकाय वृक्षों सहित समुद्री जीवों के फॉसिल्स को करीब से देख सकेंगे।
इंदौर के पास धार में दिल्ली यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को डायनासोर का एक साल पहले एक अजीबोगरीब अंडा मिल चुका है। दरअसल, इस अंडे के अंदर भी एक अंडा है। इस दुर्लभ अंडे में दो गोलाकार शेल्स हैं और दोनों शेल्स के बीच दूरी है। बड़े अंडे का डायमीटर 16.6 सेंटीमीटर और छोटे अंडे का डायमीटर 14.7 सेंटीमीटर है। उनका मानना है कि इस अंडे से डायनासोर के प्रजनन का पता चलेगा। रिसर्चर्स का कहना है कि इस तरह की खोज दुनिया में पहली बार हुई है। रिसर्च को साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है। यह अंडा टाइटनोसॉरिड डायनासोर का है। रिसर्च में कुल 10 अंडे मिले थे।
इंदौर के पास धार जिले के मनावर में दिल्ली यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को डायनासोर का एक साल पहले एक अजीबोगरीब अंडा मिल चुका है। दरअसल, इस अंडे के अंदर भी एक अंडा है। इस दुर्लभ अंडे में दो गोलाकार शेल्स हैं और दोनों शेल्स के बीच दूरी है। बड़े अंडे का डायमीटर 16.6 सेंटीमीटर और छोटे अंडे का डायमीटर 14.7 सेंटीमीटर है। उनका मानना है कि इस अंडे से डायनासोर के प्रजनन का पता चलेगा। रिसर्चर्स का कहना है कि इस तरह की खोज दुनिया में पहली बार हुई है। रिसर्च को साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है। यह अंडा टाइटनोसॉरिड डायनासोर का है। रिसर्च में कुल 10 अंडे मिले थे।
बता दें कि वन विभाग को फॉसिल्स की खोज करने वाले विशेषज्ञ विशाल वर्मा ने डायनासोर के अंडे, करोड़ों वर्ष पुराने भीमकाय पेड़ों और जीव-जंतुओं के फॉसिल्स को सौंपा था। इसे अब नए म्यूजियम में रखा गया है। फॉसिल्स म्यूजियम शुरू होने के बाद पर्यटकों को करोड़ों वर्ष पूर्व नर्मदा घाटी में पाए जाने वाले जीवों के बारे में जानने को मिलेगा।

मेंटेस के लिए तय किया है 10 रुपए किराया

विशेषज्ञों की मदद से नए म्यूजियम में फॉसिल्स को शिफ्ट करने का काम भी पूरा हो चुका है। म्यूजियम में फॉसिल के साथ ही हर फॉसिल्स की डिटेल रिपोर्ट भी बनाकर लगाई गई है, ताकि लोगों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल सके। धार में समुद्र होने और उसके समाप्त हो जाने का इतिहास भी यहां दर्शाया गया है। फॉसिल म्यूजियम की टिकट दर भी तय हो गई है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र का किराया 10 रुपए निर्धारित किया गया है, ताकि केंद्र के मेंटनेंस का खर्च आसानी से निकल सकेगा।