चौड़ीकरण के नाम पर निगम अफसरों की लापरवाही, तीन मंजिला भवन को जल्दबाजी में तोड़ा,रहने लायक भी नहीं बचा

उज्जैन।  कार्रवाई के दौरान निगम ने राजकुमार राठौर के तीन मंजिला भवन के आगे के हिस्से को गिराया, उसके पिलर तक हवा में लटका दिए। पोकलेन ने रामचंद्र प्रजापत के तीन मंजिला भवन के हिस्से को गिराने में पूरे भवन को ही इतना जर्जर कर दिया कि वह अब डेंजर हो गया।

केडी गेट से इमली तिराहा तक चौड़ीकरण कार्य को पूरा करने की निगम के अधिकारियों को कुछ ज्यादा ही जल्दी है। यही कारण है कि प्रभावित लोगों द्वारा अपने मकानों को खुद के द्वारा तोड़े जाने पर भी निगम अधिकारी राजी नहीं हो रहे हैं और चौड़ीकरण के दौरान पांच से छह फीट के अतिक्रमण को हथौड़े से नहीं बल्कि पोकलेन से हटवा रहे हैं। अधिकारियों की मनमानी का एक ऐसा ही मामला शनिवार दोपहर को लालबाई फूलबाई माता मंदिर के पास देखने को मिला, जब यहां पहुंची नगर निगम की टीम ने उपयंत्री गोपाल बोयत की उपस्थिति में लगभग एक दर्जन से अधिक मकान पोकलेन से तोड़ डाले। इन मकानों को पोकलेन से तोड़ने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी, लेकिन यदि इन्हें तोड़ा भी गया तो पहले मकान में रह रहे लोगों को बाहर निकलवाना था, उसके बाद यह कार्रवाई करना थी। लेकिन नगर निगम की टीम जब एक तीन मंजिला इमारत को ढहा रही थी, उस समय घर के अंदर ही लगभग एक दर्जन महिलाएं काम कर रही थी, जिन्हें यह तुड़वाई करने के दौरान कार्रवाई रोककर घर से बाहर निकाला गया। वहीं एक अन्य मकान के निचले हिस्से को जब तोड़ा जा रहा था, उस समय इसी मकान की बालकनी में एक बालिका खेल रही थी। कार्रवाई के दौरान उसे भी यहां से तत्काल हटाकर कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई की जानकारी जब महापौर मुकेश टटवाल को दी गई तो उनका कहना था कि मामले की जांच की जाएगी और जो भी अधिकारी दोषी होगा उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।