आदिपुरुष : घटिया डायलॉग, रामायण की मर्यादा को तार-तार करती फिल्म

निराश हुए दर्शक – मामला हाई कोर्ट पहुंचा

इंदौर/ उज्जैन।

रामायण, रामचरितमानस और भगवान राम तथा अन्य पात्रों की मर्यादा को तार-तार करते घटिया डायलॉग पर बनी प्रभास और कृति सेनन स्टारर फिल्म ‘आदिपुरुष’ विवादों में घिर रही है। इंदौर – उज्जैन ही नहीं बल्कि समूचे देश में जहां-जहां यह फिल्म प्रदर्शित हो रही है, दर्शकों में आक्रोश स्पष्ट नजर आ रहा है। गुस्से में लोग निर्माता और कलाकारों को सलाह दे रहे हैं कि एक बार सीरियल रामायण ही देख लेते तो इन लोगों को अकल आ जाती की राम क्या है, हनुमान क्या है और उनकी मर्यादा क्या है? नया बनाने के चक्कर में कुछ भी परोस दोगे क्या..? लोग फिल्म सेंसर कमीशन पर भी सवाल उठा रहे हैं कि उसने इतनी घटिया और रामायण की मर्यादा को बिगाड़ने वाली फिल्म को हरी झंडी कैसे दिखा दी। यह फिल्म घोर आपत्तिजनक है।

 

उधर दिल्ली में हिंदू सेना ने ‘आदिपुरुष’ के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर मांग की है कि फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए प्रमाणित नहीं किया जाए। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने शुक्रवार को ‘आदिपुरुष’ के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की।
‘आदिपुरुष’ को इसके ‘वीएफएक्स’ (विजुअल इफेक्ट्स) की गुणवत्ता और भगवान हनुमान की भूमिका निभाने वाले अभिनेता द्वारा बोले गए ‘टपोरी’ शैली के संवादों के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। समीक्षकों ने फिल्म की गंभीरता से समीक्षा की और इसे पुरानी फिल्मों का मिला-जुला रूप बताया है। उधर, नेपाल के फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने ‘सीता को भारत की बेटी’ बताने संबंधी संवाद पर आपत्ति जताई है।

 

 

दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका में, श्री गुप्ता ने कहा, “यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत जनहित याचिका के रूप में एक रिट याचिका है, जिसमें उत्तरदाताओं को निर्देश की प्रकृति में एक उपयुक्त रिट जारी करने की प्रार्थना की गई है. धार्मिक नेताओं/चरित्रों/आकृतियों को गलत तरीके से चित्रित करने वाले आपत्तिजनक दृश्यों को हटाना की मांग की गई है. साथ ही प्रतिवादियों को सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए फीचर फिल्म आदिपुरुष को प्रमाणित नहीं करने और इस तरह के अन्य या आगे के आदेश को पारित करने का निर्देश देने के लिए मांग की गई है.”