April 28, 2024

उज्जैन। विधान सभा चुनाव के करीब आते ही कांग्रेस भाजपा सरकार में हुए भ्रष्टाचार को लेकर मुखर नजर आ रही है। महाकाल लोक में सप्त ऋषियों की प्रतिमाएं क्षतिग्रस्त होने के बाद लागू हुए मास्टर प्लान को लेकर भी कांग्रेस मैदान में आ गई है। बुधवार को पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री ने सिंहस्थ भूमि भूमाफियाओं के हाथ में सौंपी और बड़ा घपला किया।
गौरतलब हो कि 3 दिन पहले प्रदेश सरकार ने उज्जैन का मास्टर प्लान लागू करते हुए दाउदखेड़ी, सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी की सिंहस्थ भूमि को आवासीय घोषित कर दिया। इसी को लेकर कांग्रेस अब मैदान में आ गई है। बुधवार को पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि मास्टर प्लान विवादो और आपत्तियों से घिरा रहा है। बावजूद इसे लागू किया गया है। मास्टर प्लान में 2035 आपत्तियां आई और सुझाव 463 प्राप्त हुये। आपत्तिकतार्ओं में अभा. अखाड़ा परिषद रविन्द्रपुरी महाराज, महामंडलेश्वर अतुलेशानंद, पूर्व निगम अध्यक्ष सोनू गेहलोत, पूर्व विधायक सतीश मालवीय, विधायक पारस जैन सहित कांग्रेस विधायक महेश परमार और कई समाज के लोग शामिल थे। जिन्होने सिंहस्थ मेला भूमि को आरक्षित रखने की बात कहीं थी। लेकिन आपत्तियों को दरकिनार कर दिया गया। दाउदखेड़ी, सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी सबसे ज्यादा उपयोगी भूमि सिंहस्थ के लिये थी जिसका अधिग्रहण 2016 सिंहस्थ में किया गया था, यहां सेटेलाइट टाउन बनाये गये थे। भूमि को आवासीय घोषित कर दिया गया है। पूर्व कांग्रेस मंत्री वर्मा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार आयेगी तो मास्टर प्लान को निरस्त किया जाएगा।
सिंहस्थ भूमि आवासीय होने पर उन्होने सीधा निशाना उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव पर साधा और कहा कि मु यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के साथ मिलकर भूमाफियाओं को फायदा पहुंचाया गया है। जिसमें करोड़ों का घपला किया गया है। 2016 में उक्त भूमि का अधिग्रहण कर भूमि स्वामियों को मुआवजा दिया गया था, वर्तमान मास्टर प्लान में उक्त भूमि को सिंहस्थ से हटाकर आवासीय किया गया है, जो निंदनीय है। उन्होने कहा कि मास्टर प्लान में ग्राम डेंडिया, शक्करवासा, नीमनवासा की सैकड़ो एकड जमीन भी बिना किसी आवेदन के कृषि से आवासीय कर दी गई है। जबकि भूमि विकास अधिनियम 2012 की धारा 23 के तहत कृषि भूमि को निर्धारित शुल्क जमा कर आवासीय की जा सकती है। मास्टर प्लान में बिना शुल्क लिये कृषि भूमि आवासीय कर शासन को करोड़ो रुपयों की राजस्व हानि पहुंचाई गई है। जो करीब 500 करोड़ के करीब है। गौरतलब हो कि कांग्रेस उज्जैन से भाजपा सरकार के खिलाफ मुखर होती दिखाई दे रही है। महाकाल लोक में सप्त ऋषियों की प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने के बाद भी कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेस कर भ्रष्टाचार के आरोप प्रदेश सरकार पर लगाये थे।