भारी विरोध के बाद महापौर ने लिया बड़ा फैसला, गांधी हाल को निजी हाथों में नहीं सौंपा जाएगा

इंदौर। शहर की 119 साल पुरानी ऐतिहासिक धरोहर गांधी हाल को निजी हाथों में नहीं सौंपा जाएगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने यह बड़ा फैसला लिया है। गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी के नाम पर गांधी हाल को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी थी। इसके लिए उज्जैन की एक कंपनी 50 लाख रुपया सालाना दर पर रुचि भी रख रही है। गांधी हाल को निजी हाथों में सौंपने की खबर मिलते ही पिछले दिनों से भारी विरोध हो रहा था और आलोचना भी हो रही थी। कांग्रेस और आप पार्टी के अलावा कई सामाजिक संस्थाओं ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने भी स्पष्ट तौर पर बुधवार को ही कहा था कि गांधी हाल को निजी हाथों में सौंपना गलत है। उन्होंने यहां तक कहा था कि यदि जनता विरोध करेगी तो वे उस विरोध में साथ रहेंगी। इसके बाद आज अचानक महापौर ने अपने इस फैसले को बदल दिया। आ रही खबरों के बीच बताया जा रहा है कि महापौर ने यह फैसला ले लिया है कि गांधी हाल को निजी हाथों में नहीं सौंपा जाएगा। स्मार्ट सिटी कंपनी अब गांधी हाल के रखरखाव और संचालन से संबंधित कोई फैसला नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि नगर निगम, जनप्रतिनिधि और शहर के प्रबुद्ध नागरिक मिलकर रखरखाव और संचालन की प्रक्रिया को तय करेंगे।

हापौर पुष्यमित्र भार्गव का बड़ा फैसला*

निजी हाथों में नहीं दिया जाएगा गांधी हाल का रखरखाव और संचालन।

स्मार्ट सिटी कंपनी अब नहीं लेगी गांधी हाल के रख्खा और संचालन से संबंधित कोई फैसला।

नगर निगम, जनप्रतिनिधि और शहर के प्रबुद्ध नागरिक मिलकर तय करेंगे रखरखाव और संचालन की प्रक्रिया।

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