April 26, 2024

बाहर से आने वाले श्रद्धालु मजबूरी में ही लगा रहे डुबकी

दैनिक अवन्तिका उज्जैन

गंगा दशहरा आज शनिवार से शुरू हो जाएगा पर मां शिप्रा की सुध लेने वाला कोई नहीं दिख रहा। शिप्रा की हालत पूर्व में तरह ही बनी हुई है।
घाटों पर कचरा और पानी में पूजन सामग्री तैरते दिख जाएगी। रामघाट सहित आसपास के लगभग सभी घाटों पर यहीं नजारा है। यहां लोग तीज-त्योहार पर आस्था से आते जरूर है लेकिन स्नान आदि मजबूरी में करते हैं। शिप्रा का पानी घाटों पर नहाने लायक, आचमन करने लायक बिल्कुल नहीं है। लेकिन लोगों की मजबूरी है कि पूजा-पाठ व धर्म-कर्म से पहले स्नान जरूरी है। इसलिए जैसा भी जल है शिप्रा को मां मानकर लोग नहा लेते हैं।
शिप्रा शुद्धिकरण के नाम पर करोड़ों खर्च पर नतीजा कुछ नहीं निकला
आज तक शिप्रा शुद्धिकरण के नाम पर अब तक करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं पर कुछ नहीं हुआ। अब रामघाट पर 10 दिन तक गंगा दशहरा पर्व की धूम रहेगी। लोग बड़ी संख्या में शिप्रा में स्नान व दान-पुण्य करने के लिए उमड़ेंगे पर क्या उन्हें घाट पर सफाई या शिप्रा में नहाने लगाय शुद्ध जल मिलेगा। इसका किसी के पास जवाब नहीं है।

शनि जयंती पर मंदिरों में रही भीड़
शुक्रवार को अमावस्या से ही श्रद्धालुओं की शिप्रा में स्नान के लिए भीड़ उमड़ना शुरू हो गई। वहीं शनि जयंती पर्व होने पर इंदौर रोड स्थित शनि नवग्रह मंदिर त्रिवेणी पर भगवान शनि देव के दर्शन, पूजन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए लोगों ने शनि मंदिरों में जाकर काले तिल, तेल, काला वस्त्र अर्पण कर ग्रह दशा सुधारने के लिए प्रार्थना की। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर शुक्रवार को दो पर्व साथ आने से धार्मिक नगरी उज्जैन में श्रद्धालु उमड़े। घाट पर जहां नहान कर स्नान दिया किया वहीं शनि मंदिरों में जाकर लोगों ने देव दर्शन किए। त्रिवेणी स्थित शनि नवग्रह मंदिर के अलावा ढाबा रोड स्थित गेबी हनुमान की गली के सामने शनि मंदिर, नईपेठ स्थित प्राचीन शनि मंदिर में भी पूजन-अभिषेक कर शनिदेव का विशेष शृंगार किया गया।