23 से 25 मार्च को ग्वालियर-चंबल में बारिश; भोपाल-इंदौर में भी बदलेगा मौसम

20 मार्च, सोमवार को केरल हाईकोर्ट ने दलित हिंदू से धर्म बदलकर ईसाई बने CPM विधायक ए राजा की विधायकी रद्द कर दी। ए राजा पर आरोप था कि- दलित होने का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर वो चुनाव लड़े थे।

मध्यप्रदेश में 23 से 25 मार्च के बीच फिर से वेदर डिस्टर्बेंस होगा और कई शहरों में बारिश होगी। इस सिस्टम का असर ग्वालियर-चंबल संभाग में ज्यादा दिखाई देगा, जबकि भोपाल और इंदौर में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। बुधवार को ज्यादातर जिलों में मौसम के साफ रहने की संभावना है।

मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि 16 मार्च से एक्टिव सिस्टम 20-21 मार्च को खत्म हो गया। इससे अधिकांश शहरों में मौसम में सुधार हो गया, लेकिन 23 से 24 मार्च के बीच बारिश का एक दौर फिर आ रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर ग्वालियर-चंबल में रहेगा।

रीवा जिले के कई इलाकों में दोपहर से मंगलवार की शाम तक रूक-रूककर बारिश होती रही। शाम को शहर में एक घंटे तक लगातार बारिश हुई। ग्रामीण इलाकोंस में आंधी व पानी के साथ बेर के आकार के​ ओले गिरे है। ओले गिरने से नेशनल हाईवे-39 पर कश्मीर जैसा नजारा दिखा। ओलावृष्टि के कारण खेतों में खड़ी फसलों का काफी नुकसान हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों ने 22, 25 और 26 मार्च को बारिश की संभावना जताई है।

इन जिलों में बारिश होने के आसार
मौसम विभाग की माने तो 23 से 25 मार्च के बीच भोपाल, विदिशा, सीहोर, बैतूल, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में मौसम बदला रहेगा। तेज हवा के साथ हल्की बारिश होने के भी आसार है।

भोपाल में 23 मार्च से फिर बदलेगा मौसम
भोपाल में 22 मार्च को बारिश के आसार नहीं है। सिस्टम लौटने की वजह से आसमान साफ रहेगा, लेकिन 23 मार्च से फिर मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। हल्की बारिश भी हो सकती है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। 24 मार्च को भी हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।

16 से 19 मार्च को हुई बारिश ने कहर बरपाया
प्रदेश में 16 से 19 मार्च के बीच मौसम ने कहर बरपाया था। तेज बारिश-आंधी और ओलावृष्टि हुई। प्रदेश के लगभग हर जिले में बेर के आकार के ओले गिरे। ग्वालियर-चंबल संभाग, बुंदेलखंड, मालवा-निमाड़, महाकौशल और विंध्य क्षेत्र में जमकर ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई। वहीं, मंदसौर, डिंडौरी, खरगोन, रायसेन, आगर-मालवा, शिवपुरी, ग्वालियर के घाटीगांव में तो कश्मीर जैसा नजारा दिखाई दिया। यहां ऐसी ओलावृष्टि हुई कि सड़कों पर सफेद चादर बिछ गई। लोगों ने बाल्टियों में भरकर ओले फेंके। इससे खेतों में खड़ी गेहूं, चना और सरसों फसलें बर्बाद हो गईं। शिवराज सरकार ने दूसरे फेस में बर्बाद हुई फसलों का सर्वे भी शुरू करा दिया है। 27 जिलों में प्रारंभिक नुकसान सामने आया है। CM शिवराज सिंह चौहान ने 25 मार्च तक सर्वे पूरा करने को कहा है। यह सिस्टम लौट गया।