April 20, 2024

भोपाल पुलिस मुख्यालय की स्पेशल ब्रांच के एसआई सुरेश खांगुड़ा और परिवार की मौत के मामले में पुलिस को बड़ी लीड मिल सकती है। जांच में पता चला है कि जिस बका (बड़ा चाकू) से एसआई की पत्नी कृष्णा, बेटे इवान की हत्या की गई थी, उस बका पर से एसआई सुरेश खांगुड़ा के फिंगर प्रिंट मैच हुए हैं। फिंगर प्रिंट यूनिट की जांच रिपोर्ट ने इसका खुलासा किया है।

इसके बाद वारदात की सुई अब एसआई पर आकर टिक गई है। हालांकि, यह अनुमान घटना के दिन से ही लगाया जा रहा था। यूनिट से जुड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर इसकी पुष्टि की है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक बका के अलावा, बीयर की बोतल, दरवाजे पर भी एसआई के फिंगर प्रिंट मिले हैं। फिंगर प्रिंट यूनिट ने जांच रिपोर्ट को कोलार पुलिस को भेजेगी।

डॉक्टर बोले- एसआई ने शक्तिवर्धक दवा एक बार ली थी

एसआई का इलाज करने वाले डॉक्टर ने दावा किया कि एसआई मनोरोगी नहीं था। साल 2019 में पहली बार उनके पास थे। वह स्मोकिंग ज्यादा करने की इलाज कराने लेकर आए थे। यह पूछने पर कि शक्तिवर्धक दवा, आयुर्वेदिक दवा किसी दूसरे स्टोर से ली? इस पर डाॅक्टर ने कहा कि जानकारी नहीं है, लेकिन ये बात कही कि चार साल पहले सुरेश ने शक्तिवर्धक दवाओं का एक बार डोज लिया था। पुलिस ने डॉक्टर के भी बयान दर्ज किए हैं।

4-5 सिगरेट हर रोजा पीना बताया थाडॉक्टर ने बताया कि एसआई जब पहली बार आए, तो उन्होंने खुद को सिगरेट की लत लगना बताया था। उन्होंने बताया था कि 4-5 सिगरेट रोज पी जाते हैं। वह सिगरेट छोड़ना चाहते थे। हालांकि स्मोकर्स 4-5 सिगरेट को नाॅर्मल मानते हैं।

मरने से पहले कृष्णा ने किया था संघर्ष

एक दिन पहले तीनों की शॉर्ट पीएम रिपोर्ट आई। इसमें कृष्णा के गले में मल्टीपल इंजुरी मिली थी। इससे पता चलता है कि मरने से पहले कृष्णा ने संघर्ष किया था। पुलिस अब एसआई के सरकारी लैपटाॅप, फोरेंसिक रिपोर्ट और मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

सीसीटीवी में शाम 6:18 बजे जाते दिखे

पुलिस ने पीएचक्यू से भी एसआई सुरेश के बारे में जानकारी जुटाई है। शुक्रवार को मतलब घटना वाले दिन वह 6:18 बजे मुख्यालय से निकलते हुए सीसीटीवी में कैद हुए हैं। 6:17 बजे उन्होंने पंच आउट किया है। इसके बाद से पुलिस को वह सीसीटीवी में कहीं नजर नहीं आए। पुलिस ने उनके घर से मिसरोद तक के उस रूट के कैमरे भी खंगाले हैं, जहां उन्होंने सुसाइड किया था, लेकिन वह कहीं नहीं दिखे।

तीन साल में कॉन्स्टेबल से बने एसआई

सुरेश का बड़ा भाई गोकुल खांगुड़ा पेशे से पटवारी है। गोकुल ने बताया कि सुरेश पढ़ने में होशियार था। उसने गणित विषय से बीएससी की थी। वर्ष 2013 में उसका चयन कॉन्स्टेबल के लिए हुआ था। उसकी पोस्टिंग इंदौर में थी। बाद में 2016 में उसका एसआई में सिलेक्शन हुआ। इसके बाद से वह भोपाल में रहने लगा। वह UPSC की भी तैयारी कर रहा था। वह बहुत खुश रहता था। कोई परेशानी होती, तो हमें जरूर बताता।
पहली नजर में कृष्णा से हो गया था प्यार

गोकुल ने बताया कि सुरेश के ससुर शिवलाल वर्मा मारफेड में पदस्थ थे। वह मूलत: जीरापुर के ब्राम्हण गांव के रहने वाले हैं। हमारी उनसे पहले से रिश्तेदारी है। भाई सुरेश के लिए हम लोग गांव गुंदीकलां से उसकी शादी के लिए लड़की देखने शिवलाल वर्मा के घर भोपाल आए थे। तब सुरेश की पहली मुलाकात कृष्णा से हुई थी। दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चलने लगा। 2017 में दोनों की शादी करा दी। कृष्णा ने बीकॉम की पढ़ाई की थी। वह हाउस वाइफ थी।

पत्नी को रोजाना मायके छोड़ता था सुरेश

सुरेश की ससुराल उसके घर से करीब 350 मीटर दूर है। वह रोजाना ऑफिस जाते समय पत्नी कृष्णा को उसके मायके में छोड़ देता था, जहां बेटा अन्य बहनों के बच्चों और नाना-नानी के साथ खेलता रहता था। शाम को ड्यूटी से लौटते समय वह पत्नी और बच्चे को लेकर घर आता था। माता-पिता के बाहर जाने के कारण शुक्रवार को कृष्णा मायके नहीं गई थी। पड़ोस में रहने वाली सुधा वर्मा ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब 7 बजे कृष्णा बच्चे को साइकिल पर घुमा रही थी। उनके बीच कभी किसी ने विवाद होने की जानकारी नहीं दी। साले हरीश ने भी दाेनों के बीच विवाद की बात नहीं बताई है।

भोपाल में मिला था तीनों का शव

आगर जिले के गुंदीकलां के रहने वाले एसआई, उनकी पत्नी और बेटे की शुक्रवार को भोपाल में मौत हो गई थी। शवों के पीएम के बाद परिजन रविवार देर शाम तीनों के शव आगर लेकर आए थे। इसके बाद तीनों का अंतिम संस्कार किया गया था। गुंदीकलां के रहने वाले एसआई सुरेश खांगुड़ा (32) उनकी पत्नी कृष्णा (28) और बेटे इवान (2) का शव भोपाल में मिला था। कृष्णा और इवान का शव उनके घर और सुरेश का शव रेलवे ट्रैक पर मिला था।

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