April 20, 2024

श्री श्री 1008 श्री गजानन जी महाराज ,श्री अंबिका आश्रम, श्री बालीपुर धाम में काशी वाराणसी क्षेत्र स्थित पंडित वासुदेवाचार्य मारुती शास्त्री के सुपुत्र पंडित श्रीनिवास लक्ष्मीकांत पुराणिक का आगमन हुआ। गुरुदेव के दर्शन कर सत्संग की गोष्ठी की। शिक्षाप्रद शास्त्रों का उल्लेख किया ।उन्होने बताया कि ईश्वर से मांगने की जरूरत नहीं है ।वे स्वयम दे देते हैं। भगवान की भक्ति करने से सब कुछ अच्छा मिल जाता है। अच्छे गुरु एवम भगवान की भक्ति करने से सब कुछ मिल जाएगा । हमें जहां भी सत्संग हो, वहां जरूर बेठना चाहिए और उसको अंदर उतारना चाहिए। आत्मसात करना चाहिए ।अपने आप ब्रह्म की उत्पत्ति हो जाएगी। वेद शास्त्रों का संरक्षण और संवर्धन पूज्य महाराज जी के अनुग्रह से किस प्रकार से किया जाए ,इस विषय पर गहराई पूर्वक चर्चा की। वेद किसी ने बनाए नहीं है, यह पंडित वासुदेवाचार्य के वेदों का प्रचार प्रसार वैसे ही किया जा रहा है। वेद भगवान श्वास से निकालते हैं। श्रुति और स्मृति के अनुसार वैदिक परंपरा शुक्ल यजुर्वेद काण्व शाखा काशी आज भी जैसे पढाया, वही मंत्र निकला है। गुरु -शिष्य परंपरा अक्षुण्य है। आज भी वैसे ही परम्परा चली आ रही है। 150 वर्ष पूर्व से शुक्ल यजुर्वेद पाठशाला रामानुजचार्य पुराणिक उनके सुपुत्र लक्ष्मीकांत पुराणिक तथा वर्तमान मे श्रीकृष्ण पुराणिक, श्री निवास पुराणिक, पांडुरंग पुराणिक, द्वारकानाथ पुराणिक द्वारा चलाई जा रही है। श्री महाराज जी के साथ उनके शिष्य निखिल त्रिवेदी, कृष्ण कुमार शर्मा, और शिवम उरमीनिया थे। गोष्ठी मे रविंद्र महाराज,,रवि सिनगुन वाले,जगदीश पाटीदार, नवनीत पाटीदार, उपस्थित थे।