सोमवती अमावस्या: आज क्षिप्रा में लगेगी आस्था की डूबकी

उज्जैन। महाशिवरात्री के बाद आज बाबा महाकाल की नगरी में सोमवती अमावस्या की आस्था का सैलाब दिखाई देगा। श्रद्धालु क्षिप्रा में आस्था का नहान करेगें। रविवार देर शाम से ही श्रद्धालुओं का धार्मिक नगरी में पहुंचना शुरू हो गया था।
सोमवती अवास्या का पंचाग गणना में विशेष महत्व है आज सोमवती अमावस्या का संयोग 30 वर्षो बाद सूर्य, शनि और चंद्र एक राशि में होने पर बना है। अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान का महत्व है। बाबा महाकाल की नगरी में पुण्य सलिला मोक्षदायिनी क्षिप्रा में आज आस्था की डूबकी लगाई जाएगी। यहां बने सोमकुंड में स्नान का विशेष महत्व है। आस्था को देखते हुए प्रशासन ने सभी इंतजाम रविवार को पूरे कर लिये थे। पं. अमर डिब्बेवाला के अनुसार सोमवार का दिन धनिष्ठा नक्षत्र परिघयोग उपरांत शिवयोग, नाग करण और कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी रहेगी। इस योग-संयोग में देवी लक्ष्मी की आराधना और पितरों का निमित्त तर्पण पिंडदान करने से अनुकुलता प्राप्त होती है। विशेष संयोग में आई सोमवती अमावस्या को लेकर रविवार शाम से ही श्रद्धालुओं का उज्जैन पहुंचना शुरू हो गया था। जिसमें ग्रामीणों की संख्या सबसे अधिक दिखाई दे रही थी। आस्था का नहान तड़के 4 बजे से शुरू होगा, जो देर शाम तक जारी रहेगा। श्रद्धालु नहान के साथ सोमेश्वर महादेव का पूजन कर दर्शन करेंगे।