March 29, 2024

उज्जैन। विक्रम विश्विद्यालय में चार साल तक वेतन पत्रकों में गड़बड़ी कर लाखों की हेराफेरी करने के मामले में दर्ज प्रकरण का फैसला मंगलवार को 31 साल बाद आया। न्यायालय ने लेखापाल को चार साल की सजा और 1.25 लाख के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
उप संचालक अभियोन डॉ. साकेत व्यास ने बताया कि 27 सितंबर 1991 को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने माधवनगर थाने पर शिकायत दर्ज कराई थी कि प्रौढ/सतत शिक्षा एवं विस्तार कार्यक्रम केन्द्र में कार्यरत लेखापाल फजल हुसैन ने वर्ष 1987 से वेतन पत्रकों में हेराफेरी करते हु़ए 3 लाख 98 हजार का गबन किया है। पुलिस ने मामले की जांच के बाद फजल हुसैन के खिलाफ धारा 420 में पांच प्रकरण दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। 31 सालों तक चली सुनवाई के बाद अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश संतोष प्रसाद शुक्ला ने फैसला सुनाते हुए फजल हुसैन को गबन का दोषी करार देते हुए 4 साल की सजा के साथ 1.25 लाख के अर्थदंड से दंडित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी रूपसिंह राठौड़, अपर लोक अभियोजक द्वारा की गई।