April 20, 2024

सरकार ने कहा – इन कॉलेजों में जिन्होंने एडमिशन लिया है, वह अपनी फीस वापस ले लें

जबलपुर। मध्य प्रदेश में नर्सिग कॉलेजों के फर्जीवाड़े वाले केस में उच्च न्यायालय ने अदालत ने बड़ा आदेश दिया। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर, उज्जैन ,भोपाल ,जबलपुर सहित कई शहरों में संचालित हो रहे 93 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निलंबित कर दी है। सरकार ने कहा है कि नर्सिंग सत्र 2021-22 में जिस किसी भी छात्र का एडमिशन सूची में दिए गए कॉलेजों में है, वह कॉलेज से अपनी फीस वापस ले लें, क्योंकि अब इन कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी गई है।
जबलपुर हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउॅन्सिल की रजिस्ट्रार को निलंबित करने का भी आदेश दिया है। मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन फर्जीवाड़े से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
जबलपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने अपने दायित्वों के निर्वहन में नाफरमानी कर रही नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार को निलंबित करने का आदेश दिया।
मध्यप्रदेश में खुले फर्जी नर्सिंग कॉलेजों से संबंधित मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश के अध्यक्ष एडवोकेट विशाल बघेल ने जनहित याचिका लगाई थी जिस पर आज चीफ जस्टिस एवं जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच मे सुनवाई के दौरान नर्सिंग काउंसिल की ओर से शपथ पत्र पेश करके कोर्ट को यह बताया गया था कि विगत वर्ष 2020-21 में खुले हुए 94 नर्सिंग कॉलेजों को इस वर्ष की अनुमति नहीं दी गई है तथा उक्त कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को भी अन्यत्र स्थानांतरित किया जा रहा है।
इसके अलावा 93 नर्सिंग कॉलेजों को बिल्डिंग भवन उपलब्धता संबंधी नोटिस का जवाब न देने के कारण मान्यता को निलंबित किया गया है। साथ ही 2021-22 में मध्य प्रदेश में नए 49 नर्सिंग कॉलेज खोले गए हैं जिनका पर्याप्त मात्रा में निरीक्षण एवं सत्यापन करने के उपरांत ही अनुमति जारी की गई।
याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने रजिस्ट्रार के शपथ पत्र को झूठा बताते हुए कोर्ट में एक आवेदन पेश किया तथा वर्ष 2022 में खोले गए 10 नर्सिंग कॉलेजों का उदाहरण पेश करते हुए बताया कि किस प्रकार नर्सिंग कॉलेज एक शटर वाले भवन में और डुप्लीकेट फैकल्टी के साथ खोले गए हैं। कोर्ट ने प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों को गंभीरता से लेते हुए यह कार्यवाही की है तथा इस मामले में जवाब देने के लिए 4 हफ्तों का समय दिया है।