March 28, 2024
  बेटी बचाओ पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार और मंत्री सांसद विधायक के सरकारी कॉलेज बदहाल
दैनिक अवन्तिका उज्जैन
शहर के सरकारी कालेजों कि खंडहर होती स्थिति पर किसी जिम्मेदार मंत्री विधायक सांसद अधिकारियों कालेज प्रशासन का ध्यान नहीं है। लिहाजा बेटी बचाओ और पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार के सरकारी कन्या कॉलेजों के हाल बद से बदतर हो रहे हैं। बरसात के मौसम में         देवासगेट स्थित कालिदास कन्या महाविद्यालय के मैदान में कीचड़ गिट्टी पत्थर पड़े हुए हैं। इनमें से निकलकर छात्राएं कालेज हर दिन खतरे की स्थिति में अध्ययन करने पहुंच रही है।
     देवासगेट रोड पर स्थित कालिदास कन्या महाविद्यालय के हाल बद से बदतर हो रहे हैं। यहां अध्ययन करने आने वाली छात्राएं खतरो में
अपना भविष्य सुधारने के लिए अध्ययन करने को मजबूर बनी हुई है। इसकी वजह कहीं गई कि बरसात के मौसम में कॉलज के मैदान में

पानी भर जाता है। जिससे मैदान मे कीचड़ मिट्टी गट्टी पत्थर का ढेर फैलकर संपूर्ण कालेज परिसर के  आने-जाने के रास्ते में पसरा रहता है। लेकिन इस समस्या से को दूर करने के लिए कोई भी कार्यवाही नहीं की जाना आश्चर्य का विषय बना हुआ है और कालेज प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रहा है। कालेज मे सैकड़ों छात्राएं य हर दिन अध्ययन करने पहुंचती है। बरसात के मौसम में इस तरह स्थिति उत्पन्न होने से छात्राओं के लिए खतरे बढ़ जाते हैं। किचड गिट्टी पत्थर से होकर गुजरते हुए कई छात्राएं गिरकर चोटग्रस्त भी हो जाती है। दैनिक अवन्तिका के प्रतिनिधि गुरु एस नागर को छात्राओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कई बार कालेज प्रशासन को इस संबंध में अवगत करा चुके हैं। बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। कालेज परिसर के भीतर क्लास रूम में भी बरसात के मौसम में पानी रिसाव होने से समस्याएं बनी रहती है। गौरतलब है कि कालिदास कन्या महाविद्यालय का नवीन भवन मंगलनाथ रोड पर बना दिया गया था। इसके विरोध के बाद देवासगेट स्थित माधव कॉलेज में कालिदास कन्या कालेज को शिफ्ट किया गया और  माधव कॉलेज को नवीन कन्या महाविद्यालय के भवन में शिफ्ट किया गया था।  इसके बाद से ही माधव कॉलेज के जर्जर भवन में  कालिदास कन्या महाविद्यालय में छात्राएं हर दिन खतरे और परेशानियों में अध्ययन करने को आने के लिए मजबूर होती सामने आ रही है। हालाकी जानकारी दी जा रही है कि समीप मैदान के एक भाग में कालेज का नया भवन भी बनाया जा रहा है। लेकिन मैदान में बरसात के मौसम में हर बरस  कीचड़ पानी भरने की समस्या के निदान के लिए कोई योजना सामने नहीं है। जबकि मैदान में खिलाड़ी भी प्रेक्टिस करने सुबह शाम पहुंचते है।