इंदौर में बेरोजगारों ने नोटा पर वोट देने की ठानी, शहर में लगे लापता MPPSC! के बैनर- पोस्टर

इंदौर। यहां की पॉलिटिक्स में तड़का लगाने के लिए अब पीएससी कैंडिडेंट्स मैदान में उतर आए। वे प्रदेशभर के स्टूडेंट और उनके परिवार से अपील कर रहे है कि वे नगरीय निकाय चुनावों में वोट नोटा को दें। शिक्षा के रण से चुनावी मैदान में ये अपील करने के लिए कैंडिडेंट्स ने भी इंदौर में मैदान संभाला है।
मप्र में पिछले 4 सालों में कोई भी भर्ती बिना किसी विवाद के पूरी नहीं हो पाई है। एमपीपीएससी और व्यापम की भर्तियां अटकी हैं। जिस पर न ही सरकार ओर न ही संस्थान इस पर ध्यान दे रहा है। कैंडिडेंट्स का कहना है कि उन्होंने कोविड जैसी महामारी का दौर देखा है। ऐसी परिस्थिति में आर्थिक और मानसिक समस्या का सामना कर रहे है। हमारा परिवार हमारी नौकरी का इंतजार कर रहा है। उनका आरोप है कि बेवजह हर भर्ती को कोर्ट केस में उलझाकर हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, लगातार हमारी रोजगार की मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। अब हमारे पास केवल नगरीय निकाय चुनाव में नोटा का विकल्प रहा है। हमारी मांगे जिसके कारण हमने ये विकल्प चुना है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी सीएम लापता होने के पोस्टर लगा चुके है।
कैंडिडेंट्स की नोटा पर वोट की अपील
कैंडिडेंट्स की इन समस्याओं के चलते उन्होंने नेशनल एजुकेशन यूथ यूनियन का गठन किया। कैंडिडेंट्स का ये संगठन अपनी मांगों को लेकर पहले भी कई बार इस तरह के अभियान चला चुका है। इस बार इस संगठन ने युवा जागरुकता अभियान शुरू किया। कैंडिडेंट्स ने पश्चिम क्षेत्र के भोलाराम उस्ताद मार्ग, नवलखा, भंवरकुआं क्षेत्र में पोस्टर चिपकाए। इसके साथ ही कैंडिडेंट्स ने प्रदेश के अन्य कैंडिडेंट्स और उनके परिवार से अपील की है कि वे इस बार नगरीय निकाय चुनाव में नोटा पर वोट करें।