April 27, 2024

सांवरखेड़ी – जीवन खेड़ी की जमीन पर बोले रविंद्र पुरी जी महाराज- कौन मंत्री हम नहीं जानते ?

उज्जैन। बड़नगर रोड स्थित निरंजनी अखाड़े में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी जी महाराज और हरिगिरि जी महाराज ने प्रेस वार्ता लेकर सिंहस्थ मेला भूमि पर हो रहे अवैध अतिक्रमण और लगातार विकसित हो रही कॉलोनियों को लेकर विरोध और चिंता जताई। इस संबंध में संतों ने मास्टर प्लान को लेकर आपत्ति भी जताई है। संतों का स्पष्ट कहना है कि सिंहस्थ मेला भूमि पर यदि किसी ने जमीन खरीद ली है तो संत उसे उसी दाम में राशि देकर वह जमीन खरीदेंगे। हालांकि, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी जी महाराज ने सांवराखेड़ी और जीवनखेड़ी की जमीनों के लिए स्पष्ट कहा कि हम किसी मंत्री को नहीं जानते। यदि किसी ने जमीन ली है तो हम खरीदेंगे। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान ऐसे लागू नहीं होगा। पहले सुनवाई होगी और अगर नहीं होगी तो बहुत बड़ा विरोध होगा। हमारा मकसद यह है कि जो मेला भूमि है, उस पर अतिक्रमण न हो। उस पर किसी का कब्जा न हो। साधु संत सब एक हो गए हैं। अब हमारी मीटिंग होती रहेगी और उसमें यह देखेंगे कि कहीं कोई कब्जा तो नहीं हुआ है। हमने सुना है कि मेला भूमि पर अतिक्रमण हो रहा है। वहां मकान बनाए जा रहे हैं। वहां कालोनियां बसाई जा रही है। उसके लिए हमने विरोध जताया हुआ है। इसलिए हम उज्जैन आए हुए हैं। सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी और दाऊद खेड़ी की जमीन पर अतिक्रमण के मामले में मंत्री जी को कहा कि वे त्याग करें। इस पर महाराज जी ने कहा कि मैं मंत्री जी को नहीं जानता।
हरिगिरि जी महाराज ने कहा कि संत लोग पैसा इकट्ठा करके न जाने कहां – कहां से लाते हैं और यहां सिंहस्थ में लगाते हैं। यहां फूंक कर चले जाते हैं। वह अपना भंडार यहां देते हैं। यहां करोड़ों – अरबों रुपए का जो व्यापार होता है, वह क्या हमारा साथ नहीं देंगे? हमारे साथ नहीं रहेंगे? जिनको यहां से लाभ है। वह उज्जैन के लोग यहां से राजस्व प्राप्त करते हैं। सिंहस्थ का फायदा लेते हैं, वह लोग मेरे साथ रहेंगे और नहीं तो 30 वर्ष पहले भी सिंहस्य मेला बंद हो गया था, सरकार का यदि ऐसा ही उदासीन रवैया रहेगा तो कुछ मंत्रियों की कृपा से यह मेला कुछ दिनों में स्वत: ही बंद हो जाएगा।