कमलनाथ के नए फरमान ने उड़ा दी पार्षद प्रत्याशियों की नींद

पहले आरक्षण से बिगड़ा पूर्व पार्षदों का गणित, नई जमीन तलाश रहे थे कि अब जो जिस वार्ड का मतदाता, वहीं से लडेगा चुनाव

भोपाल। पहले आरक्षण और अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का फरमान…। नगरीय निकाय में पार्षद पद के लिए कमलनाथ के क्राइटेरिया ने कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ा दी है। रिजर्वेशन से बिगड़े पूर्व पार्षदों के गणित के बाद उन्हें इस बात की तसल्ली थी कि वे नए वार्ड से चुनाव लड़ लेंगे। बकायदा, जिलाध्यक्षों को बायोडाटा भी दे दिए गए। लिस्ट बनाई जाने लगी और वरिष्ठ नेताओं तक पहुंची। इसी बीच नया फरमान आ गया और नेताओं के पैरों तले जमीन खिसक गई हैं। अकेले राजधानी भोपाल की बात करें तो एक-दो नहीं, 40 से 50 नेताओं के समीकरण क्राइटेरिया ने फिर बिगाड़ दिए हैं। पार्षद पद के चहेतों के लिए यही स्थिति इंदौर, उज्जैन सहित अन्य नगर निगम की भी है।
कमलनाथ ने नगरीय निकाय चुनाव में टिकट वितरण को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत दावेदार जिस वार्ड के मतदाता हैं, उसे वहीं से टिकट देने के निर्देश दिए हैं। किसी भी उम्मीदवार का वार्ड परिवर्तन नहीं होगा। यह आदेश आते ही नेताओं के होश उड़ गए हैं। अंदरूनी रूप से फरमान का विरोध भी शुरू हो गया है। नेता दबी जबान फरमान को गलत बता रहे हैं।

Author: Dainik Awantika