April 18, 2024

ब्रह्मास्त्र इंदौर। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव सिर पर आते ही मामा बहुत बेचैन हैं। बेचैनी का कारण है ओबीसी आरक्षण, जिसको लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही लुभाने में लगे हैं। इस बार चुनाव का मुद्दा ही पिछड़ा वर्ग हो गया है। ओबीसी आरक्षण को लेकर जहां कांग्रेस भाजपा को घेरने में लगी है, वहीं खुद पिछड़ा वर्ग से आने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने लगे हैं, मानो उन्हें ओबीसी से विशेष प्रेम है।
3 दिन पहले राजधानी में हुए ओबीसी सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जबरदस्त चुनावी स्टंट मारते हुए जो कुछ कहा उसे सुनकर तो यही लग रहा है कि शिवराज पिछड़े वर्ग पर पूरी तरह लट्टू हो गए हैं’। उन्होंने कहा- मैं सच में आज भावनात्मक रूप से आपको बता रहा हूं, कोई पूछे कि 16 साल के मुख्यमंत्री काल में कौनसा सबसे बड़ा काम, जिसने मेरे दिल को सुकून दिया? तो मैं कहूंगा ओबीसी के आरक्षण के साथ हम चुनाव करा पाए।’
ऐसा कहना था चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का। सीएम को यह सब इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि 20 साल से सत्ता के फोकस से बाहर रहे पिछड़ों के आरक्षण पर इस बार मध्यप्रदेश में घमासान मचा हुआ है। मध्य प्रदेश में इनकी आबादी 49% है लेकिन प्रदेश सरकार की कैबिनेट में इस हिसाब से कभी जगह नहीं मिली। कभी अधिकतम 28% मंत्री ओबीसी के रहे हैं। वर्तमान में 25% है जबकि दावे 27 से लेकिन 35% तक आरक्षण देने की हो रही है। पर सरकार में हिस्सेदारी में इसे हमेशा पिछड़ा ही रखा।