मौसम का तनाव उल्टी-दस्त, पीलिया-बुखार के मामले बढ़े तापमान 42.8 डिग्री पर, न्यूनतम 28.4 पर ,उमस भी बढी -बच्चे एवं बुजूर्गों पर हो रहा असर अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढी

 

उज्जैन। पिछले 6 दिनों से तापमान में एक दम उछाल के हाल बने हैं। बुधवार को अधिकतम तापमान 42.8 डिग्री दर्ज किया गया जो एक दिन पूर्व से मात्र .2 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 28.4 डिग्री पर जा पहुंचा जो कि एक दिन पूर्व की अपेक्षा करीब 1.2 डिग्री ज्यादा रहा। दिन के समय गर्म हवाओं का जोर रहा है। बढी हुई उमस के साथ तापमान में उछाल ने सभी को बेहाल किया है। इसका प्रभावी असर बच्चों एवं बुजूर्गों पर हो रहा है। अस्पताल में उल्टी-दस्त, बुखार पिडितों की संख्या में इजाफा हुआ है।

शासकीय जीवाजी वेधशाला के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 42.8 डिग्री सेल्सियस रहा जो एक दिन पूर्व 43 डिग्री था। न्यूनतम तापमान 28.4 डिग्री पर जा पहुंचा जो एक दिन पूर्व 27.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। पिछले 5 दिनों में तापमान में लगातार बढ़ोतरी सामने आई है। वेधशाला अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त के अनुसार, खुले आसमान , तीखी धूप से गर्मी का यह प्रकोप बना है। दोपहर के समय लू के थपेड़े और उमस रही है। बुधवार को आर्द्रता सुबह 62 एवं शाम को 24 प्रतिशत रही जो मंगलवार को सुबह 72 एवं शाम को 24 प्रतिशत आंकी गई थी। बुधवार को हवा सुबह 8 किलोमीटर एवं शाम को 6 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चली जबकि मंगलवार को  हवा सुबह शाम 8 किलोमीटर की गति से चली थी।

आग उगलता सूरज-

इस वर्ष अप्रेल –मई के दौरान उमस भरी गर्मी का अभाव रहा था। मई में करीब पूरे माह ही बादल छाए रहे थे और बारिश की स्थिति बनी रही थी। यहां तक की नौतपा में भी जैसी गर्मी पिछले सालों में होती रही है वैसी नहीं थी। जून में मानसून आने से पूर्व वर्तमान में सूरज आग उगलने वाली गर्मी का अहसास करवा रहा है। मानव ही नहीं अन्य जीवों की भी हालत खराब हो रही है। दिन के समय सभी छांव ढूढते रहते हैं।

मौसम की बेरूखी का असर आम पर-

वैसे तो मौसम की  बेरुखी का असर बचपन से पचपन तक हर उम्र के लोगों पर पड़ रहा है। लेकिन, शारीरिक रूप से सबसे ज्यादा अब मौसम बच्चो को प्रभावित कर रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों  में विशेषकर बच्चों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। उल्टी दस्त के साथ पीलिया और बुखार की शिकायतें लेकर बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं। मौसमी बीमारियों का असर इन दिनों बाल चिकित्सालय में देखने को मिल रहा है। बदलते मौसम के साथ ही चिकित्सालय में उल्टी-दस्त, पीलिया और वायरल फीवर से प्रभावित बच्चों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है। चिकित्सालय की ओपीडी में जमकर इजाफा हुआ है। निजी अस्पतालों में भी यही हाल बन रहे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञों के क्लीनिकों पर बड़ी संख्या में अभिभावक बच्चों को लेकर पहुंच रहे हैं। इसके अलावा इमरजेंसी में भी परिजन बच्चों को लेकर आ रहे हैं। स्वस्थ होने में तीन-चार दिन लग रहे।

 

सावधानी जरूरी-

मौसम के प्रकोप से बचने के लिए चिकित्सक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार इस दौरान साफ पानी को उपयोग में लाए। ताजा भोजन सेवन करें। दुकानों पर रखे कटे फलों का सेवन न करें। बाहरी खुली खाद्य सामग्री के सेवन से बचें। गर्मी से आकर एक दम ठंडा पानी न पिएं। गर्मी में घर से बाहर जरूरत होने पर ही निकले और उससे पूर्व अच्छी तरह से पानी पिएं। सूती वस्त्रों का उपयोग करें और अपने शरीर को ढक कर ही निकलें।

 

Author: Dainik Awantika