फर्जी तरीके से 49 के नाम पर निकालते थे वेतन, 30 कर्मचारियों को करते थे भुगतान
ब्रह्मास्त्र राजगढ़
जिला अस्पताल राजगढ़ में एक निजी कंपनी का एग्रीमेंट होने के बाद से ही करीब 40 कर्मचारियों के नाम से वेतन आहरण किया जाता था। जिसमें से 25-30 कर्मचारियों को भुगतान किया जाता था। इस तरह से वर्ष 2016 से अब तक करीब 2 करोड़ का गबन होना सामने आने के बाद राजगढ़ पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित मोर्चा के जिलाध्यक्ष व पार्षद राजेश खरे सहित पांच लोगों पर एफआइआर की है। जिसमें से खरे सहित तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि पुलिस मामले को बताने से चचती रही।
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल राजगढ़ में पिछले दिनों फर्जी तरीके से नियुक्तियों का मामला सामने आया था। जिसमें करीब 12 लोगों की फर्जी तरीके से नियुक्ति की गई थी।
इसके बाद शुरू हुई जांच में अब फर्जी तरीके से भुगतान का मामला उजागर हुआ है। सूत्रों की माने तो कि कंपनी का एग्रीमेंट जिला अस्पताल में वर्ष 2016 से हुआ था, तभी से यह गड़बड़ी जारी थी।जांच में सामने आया कि अस्पताल में कुल 49 कर्मचारियों का ठेका था, जिनमें 46 कर्मचारी और 3 सुपरवाइजर दर्ज है। हकीकत में 25 से 30 लोगों के काम करते थे और वेतन 49 के नाम से निकलता था। इनमें से किसी को 11000 किसी को 12000 तो किसी को 14 हजार रुपए प्रति माह तक मिलता राहा। इन कर्मचारियों को चेतन पर रखा गया था, पूरा वेतन निकलता भी था, लेकिन इतने लीग काम नहीं करते थे। यह मामला सामने आने के बाद पुलिस ने 29 मई को आरएमओ कार्यालय का बापू संजीव शर्मा, इंदौर की हाउसकिपिंग के टेंडर लेने वाली कंपनी के संचालक कुलदीप मिश्रा, मैनेजर कृष्ण कुमार तिवारी, बायोमेट्रिक कर्मचारी रामदयाल गुर्जर और राजेश खरे के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया गया है। राजेश खरे का नाम सीधे तौर पर आने के बजाए खातों में रुपए ट्रांसफर आने को लेकर आना चताया जा रहा है। इनमें से कुलदीप और कृष्ण कुमार पहले गिरफ्तार कर लिया था और अब राजेश खरे को गिरफ्तार किया गया है। खरे को कोर्ट में पेश किया था।
फर्जी दस्तावेज से कर्मचारियों को करते थे भुगतान
जांच में सामने आया है कि जो भुगतान किया है उसके लिए कूटरचित बायोमैट्रिक शीट, बैंक के सैलेरी भेजने संबंधी कूटरिचत दस्तावेज, सफाईकर्मी और सुपरवाइजर की सूची प्रस्तुत कर षड़यंत्रपूर्वक सुनियोजित तरीके से शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया। जांच के दौरान बीती 11 मई को रामबाबू झावा निवासी इंद्रा कॉलोनी से पूछताछ की गई। उसने अनुसार जिला अस्पताल में सफाईकर्मी कंपनी के एजेंट के तौर पर काम करता था। राजेश खरे सफाई कर्मियों का टेंडर चलाता था ।राजेश ने आउटसोर्स कर्मचारियों के फर्जी चायोमैट्रिक रिपोर्ट और जो सफाईकर्मी जिला अस्पताल में काम नहीं कर रहे उनके भी बिल लगवाकर भुगतान करवाए। टेंडर शर्ती में लिखा गया था कि सभी कर्मचारियों का भुगतान नियमानुसार होगा और मासिक वेतन उनकी उपस्थिति के अनुरूप देगा। साथ ही कितनी राशि किस कर्मचारी को दी जा रही है, इसकी जानकारी हर माह सत्यापित कर जिला अस्पताल के समक्ष प्रस्तुत करेगा। जितेंद्र अजनारे ने बताया कि जिला अस्पताल में हाउस कीपिंग के फर्जी बायोमैट्रिक अटेंडेंस लगाकर फर्जी खाती में भुगतान दिखाते हुए गबन किया गया है। इन लोगी के द्वारा यह गबन किया गया है। जो जांच की जा रही है उसके मुताबिक जिला अस्पताल राजगढ़ में हुए फर्जीवाड़े में फर्जी बायोमेट्रिक अटेंडेंस से अब तक करीब दो करोड़ से अधिक की शासकीय सशि का गबन का अंदेशा लगाया जा रहा है।