खंडवा, 2 मई 2025 |
ओंकारेश्वर में आयोजित आदिगुरु शंकराचार्य जयंती के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संत समागम में भाग लिया और देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को सशक्त बनाने की दिशा में अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताई। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि “भारत को केवल शास्त्रों से नहीं, बल्कि शस्त्रों की परंपरा से भी सशक्त बनाना होगा।”
500 शंकरदूतों को दी गई दीक्षा
समारोह में 500 शंकरदूतों को दीक्षा दी गई। मुख्यमंत्री ने अद्वैत लोक निर्माण, धार्मिक नगरों में शराब मुक्ति, गीता भवन की स्थापना, और सांस्कृतिक पर्वों के आयोजन की योजनाओं की जानकारी दी।
धर्म और शक्ति का संदेश
सीएम ने कहा कि आदिगुरु शंकराचार्य ने धर्म जागरण के लिए शक्ति की उपासना की और दंडी संन्यासी के रूप में देशभर में यात्रा की। उन्होंने बल देते हुए कहा कि “ज्ञान, वैराग्य और अध्यात्म के साथ शक्ति की भी आवश्यकता है। धर्म की रक्षा के लिए शक्ति (शस्त्र) अनिवार्य है।”
धार्मिक नगरों को शराब मुक्त करने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने ओंकारेश्वर में अद्वैत लोक (एकात्म धाम) के निर्माण का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस बार सरकार ने सभी धार्मिक नगरों को शराब मुक्त करने का संकल्प लिया है।
गौरवशाली सांस्कृतिक योजनाएं
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सभी नगरीय निकायों में गीता भवन का निर्माण किया जाएगा।
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गीता जयंती को 1 दिसंबर को उत्सव की तरह मनाया जाएगा।
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गोवर्धन पूजा, होली, दिवाली सहित सभी पर्व अब सरकारी स्तर पर हर्षोल्लास से मनाए जाएंगे।
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कामधेनु योजना के तहत गौशालाओं और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे मध्य प्रदेश दूध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है।
समापन समारोह में प्रमुख उपस्थिति
पांच दिवसीय एकात्म पर्व के समापन पर आयोजित इस कार्यक्रम में महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, अन्य संत-महात्मा, प्रशासनिक अधिकारी और भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।