बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमयूडीए) जमीन घोटाला मामले में लोकायुक्त से क्लीन चिट मिल गई है। लोकायुक्त पुलिस ने कहा कि सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती समेत 4 आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले हैं। जांच अधिकारियों ने शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को बताया कि सबूतों के अभाव में दोनों पर आरोप साबित नहीं हो सके हैं। इस मामले में हाईकोर्ट को अंतिम रिपोर्ट दे दी है। सिद्धारमैया और उनकी पत्नी के अलावा उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और जमीन मालिक देवराजू भी आरोपी हैं। 7 फरवरी को हाईकोर्ट ने सिद्धारमैया को राहत देते हुए एमयूडीए केस को सीबीआई को ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने आरटीआई एक्टिविस्ट स्नेहमयी कृष्णा की याचिका पर फैसला सुनाया था। एमयूडीए पर आरोप है कि उसने कई लोगों को कम कीमत पर प्रॉपर्टियां दी थीं। इनमें सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर में पॉश इलाके में दी गईं 14 साइट्स भी शामिल हैं। ये साइट्स मैसूर के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले दी गई थीं। 14 साइट्स 3 लाख 24 हजार 700 रुपए में आवंटित की गई थीं।