गुजरात में 20 महीने के बच्चे को लगाया 16 करोड़ रुपए का इंजेक्शन, अमेरिका से 72 घंटे में पहुंचा

अहमदाबाद। गुजरातियों ने एक बार फिर मानवता दिखाई है। चार साल पहले, गुजराती गोधरा के एक बच्चे की जान बचाने के लिए जरूरी 16 करोड़ रुपए जुटाने सड़कों पर उतर आए था। ऐसा ही अब हिम्मतनगर में हुआ है। यहां एक गरीब परिवार के 20 महीने का बच्चे को 16 करोड़ रुपए के इंजेक्शन की जरूरत थी। परिवार की गुहार पर लोगों ने पैसे इकट्ठे करने का अभियान शुरू किया और आखिरकार यह रकम जमा कर ली गई। बीते सोमवार को अमेरिका से यह इंजेक्शन अहमदाबाद पहुंचा और मंगलवार की शाम बच्चे को इसके डोज दिए गए। डॉक्टर्स का कहना है कि अब उसकी हालत में सुधार होना शुरू हो गया है। गुजरात में एसएमए टाइप-1 से पीड़ित किसी बच्चे को इंजेक्शन दिए जाने का पहला मामला है।
बच्चे का इलाज करने वाले रॉयल इंस्टीट्यूट आफ चाइल्ड न्यूरोसाइंस के डॉ . संजीव मेहता का कहना है कि स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (एसएमए) टाइप 1, एक आनुवंशिक बीमारी है। यह मांसपेशियों की कमजोर करना शुरू कर देती है। इससे बच्चे को बार-बार निमोनिया होता है। सांस लेने में कठिनाई होती है और इस बीमारी से पीड़त बच्चे न तो बैठ सकते है और न ही किसी जीच के सहारे खड़ा हो पाते हैं। मांसपेशियों के कमजोर होने से वे पूरे समय सुस्त पड़े रहते हैं। इसका इंजेक्शन अमेरिका में ही उपलब्ध है। इंजेक्शन के डोज से सेल्स ए्क्टिव होने लगती हैं, जिससे कमजोरी दूर होने लगती है। यह इंजेक्शन दो साल की उम्र तक के बच्चों को ही लगाया जा सकता है।

Author: Dainik Awantika