दैनिक अवंतिका उज्जैन। अगर आप इंदौर फोर लेन मार्ग से महाकाल की और आकर पटनी बाजार जाना चाहते हैं तो हरी फाटक ब्रिज से गुदरी तक एक किलोमीटर की डगर एक घंटे का सफर के लिए मानसिकता बनाकर जाएं। यहां दिन के 12 घंटे में सुबह से लेकर रात तक 8 घंटे जाम के हालात बने रहते हैं। वाहन यहां चलते नहीं खिसकते हैं।
नए शहर के निवासी शहर के यातायात से बचते हुए पुराने शहर में आने के लिए फोरलेन मार्ग का चयन करते हैं लेकिन फोरलेन मार्ग से जैसे ही वे हरीफाटक ब्रिज के नीचे बेगमबाग के पास उतरते हें तो जाम के हालात में उन्हें परेशानी से दो चार होना पड रहा है।हरीफाटक मार्ग से गुदरी तक दिन में कई बार जाम के हालात बने रहते हैं। इस दौरान इस एक किलोमीटर मार्ग पर वाहन चलते नहीं खसकते हैं। हरीफाटक ब्रिज से पटनी बाजार जाने के लिए एक घंटे से अधिक का समय वाहन चालकों को लग रहा है।
इसलिए लग रहा बार-बार जाम-
हरीफाटक ब्रिज से लेकर गुदरी तक की करीब एक किलोमीटर की इस सडक के बीच में करीब 4 से अधिक क्रासिंग हैं।यहां वाहन पलटने के दौरान और दुसरी और उन्हें निकलने के दौरान सडक का एक हिस्सा जाम हो जाता है,जबकि दुसरा हिस्सा बराबर चलता रहता है। इन क्रासिंगों पर आने वाले वाहन महाकाल चौराहा से हरीफाटक ब्रिज की और जाते हैं और इनके बीच में आने से बराबर जाम की स्थिति बन रही है। इसमें बेगमबाग के सामने वाला चौराहा में कालोनी से आकर कोट मोहल्ला नलिया बाखल के लिए जाने वाले वाहन एवं दुसरी और से आने वाले वाहनों के कारण जाम के हाल होते हैं तो इससे आगे वीआईपी पार्किंग भारत माता मंदिर के पीछे से आने वाले वाहनों के हरीफाटक ब्रिज के लिए जाने के दौरान क्रासिंग पर वाहन उलझ जाते हैं।यही हाल थोडा सा आगे जाने पर महाकाल घाटी सरस्वती स्कूल की गली से आने वाले वाहनों एवं जाने वाले वाहनों के कारण बन रही है। इसके आगे महाकाल चौराहा पर भी वाहनों के पलटने के कारण यही हाल बन रहे हैं।
अधिकांश जाम में ई-रिक्शा से परेशानी-
जाम के दौरान ई-रिक्शा चालक धैर्य न रखते हुए छोटी-छोटी सी जगह में भी अपने वाहनों को घुसेड देते हैं जिसके चलते अन्य चौपहिया वाहनों के एक लेन में निकलने में भी दिक्कत खडी हो रही है। ऐसे में जाम के हालात बनने में देर नहीं लगती है। सबसे खास बात तो यह है कि इस पूरे मार्ग पर व्यवस्था बनाने के लिए किसी प्रकार की कोई कवायद नहीं की जाती है। महाकाल चौराहे पर यातायात पुलिस प्रबंधकीय कार्य ये विरक्त रहकर मात्र पाईंट पर तैनात होने की पूति करती रहती है।
दो पहिया चालकों के लिए गलियां सहारा-
दिन के अधिकांश समय में हरी फाटक से गुदरी तक का मार्ग जाम होने के कारण क्षेत्र की गलियां दो पहिया वाहन चालकों के लिए विकल्प बन गई हैं। चौपहिया वाहन चालकों के लिए तो फिर भी कोई विकल्प नहीं है। दो पहिया वाहन चालक हरी फाटक से अगर इस मार्ग पर जाम के हालात में फसते हैं तो वे बेगमबाग चौराहे से कोट मोहल्ला ,सारवान की मस्जिद ,नलिया बाखल की गली, होते हुए बंस फोड गली से गुदरी और पुराने शहर के अन्य क्षेत्र के लिए गलियों के विकल्प का उपयोग कर आवागमन करते हुए पटनी बाजार,गोपाल मंदिर,ढाबारोड सहित अन्य क्षेत्रों में आना जाना करते हैं।
स्कूल बसों के समय अधिक जाम-
हरी फाटक से गुदरी और पटनी बाजार की और स्कूल बसों के आवागमन के समय अधिक जाम के हालात बन रहे हैं। सुबह के समय तो फिर भी स्थिति नियंत्रण में हो जाती है लेकिन दोपहर में 1-4 बने के बीच कई स्कूलों की बसों का क्षेत्र में आवागमन होता है ऐसे में कई बार जाम के हाल में ही इस मार्ग पर आने जाने वालों को आवागमन करना पडता है। बडी बसों के इस मार्ग पर आने से और हेवी ट्रेफिक का मार्ग होने से यहां स्कूली बच्चों से भरी बसों को खिसक –खिसक कर चलना पड रहा है।