37 करोड़ का डामर घोटाला, पांच ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज

जबलपुर। मध्यप्रदेश में सड़कों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले डामर  के फर्जी बिल लगाकर करोड़ों रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया है। जबलपुर, मंडला और अन्य जिलों में ठेकेदारों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए शासन से करोड़ों रुपए का अवैध भुगतान लिया। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) में शिकायत के आधार पर जांच की गई। शिकायत में आरोप था कि महाकौशल क्षेत्र के विभिन्न जिलों में सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदारों ने डामर के फर्जी बिल प्रस्तुत कर करोड़ों रुपए का भुगतान लिया। डीएसपी ए.व्ही. सिंह द्वारा की गई जांच में पाया गया कि ठेकेदारों ने फर्जी बिलों का उपयोग कर मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण से भारी धनराशि वसूल की।
जांच में पता चला कि ठेकेदारों ने इंडियन आयल कॉपोर्रेशन, एचपीसीएल, बीपीसीएल, एस्सार और नायरा जैसी बड़ी कंपनियों के नाम से नकली इनवॉइस बनाए। इनकी सत्यता जांचने पर स्पष्ट हुआ कि ये कंपनियों द्वारा जारी नहीं किए गए थे, बल्कि कूटरचित (फर्जी) थे। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि पांच ठेकेदारों ने कुल मिलाकर 37 करोड़ रुपए की हेराफेरी की। ईओडब्ल्यू ने इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग) के तहत एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू ने इन सभी मामलों में विस्तृत जांच शुरू कर दी है। संबंधित जिलों के महाप्रबंधकों से भी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। शासन ने ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।

Author: Dainik Awantika