सीएम- संघ के दखल के बाद बदले नाराज मंत्रियों के सुर

 

भोपाल। शिवराज सरकार के तीन मंत्रियों और विधायकों के बीच चल रहा सियासी घमासान थमता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के दखल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आपत्ति के बाद मंत्री भूपेंद्र सिंह का विरोध कर रहे नेता फिलहाल शांत हो गए। उनके सर अब बदल गए हैं। इसी बीच पीडब्ल्यूडी मंत्री और वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव ने बयान जारी कर कहा कि सब एक हैं। मुट्ठी की तरह।
मंगलवार को नगरीय विकास मंत्री षभूपेंद्र सिंह के कामकाज की शिकायत सीएम से की गई थी। सीएम से मिलने वालों में पीडब्ल्यूडी मंत्री भार्गव, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, विधायक शैलेंद्र जैन व प्रदीप लारिया और जिलाध्यक्ष गौरव सिरोठिया शामिल थे। सभी ने इस्तीफे तक की बात कह दी थी। इसी के बाद देर रात मुख्यमंत्री ने संगठन से चर्चा की। सुबह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ निवास पर पूरे मामले पर बात की। फिर दोनों ने नाराज गुट से चर्चा की।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि संघ ने नाराज नेताओं के रुख और बयानबाजी पर आपत्ति की। इसी के बाद सियासी घटनाक्रम बदला। इस मामले में जब भूपेंद्र सिंह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से बात की गई तो दोनों ने टिप्पणी से इनकार कर दिया। सिर्फ इतना कहा कि पार्टी एक है और 2023 के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में सफलता हासिल करेगी।

सीएम से कामकाज की बात की : राजपूत

राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कैबिनेट बैठक के बाद सीएम से मुलाकात हुई। मैंने सीएम जनसेवा अभियान के कार्यक्रम और प्रभार के जिलों के कामकाज पर बात की। इस दौरान सागर के अन्य लोग भी थे, जिन्होंने पहले से सीएम से समय लिया हुआ था। अलग-अलग उन्होंने अपनी बात रखी।

किसकी नाराजगी की क्या वजह

गोविंद सिंह राजपूत ने कहा था, भूपेंद्र के रिश्तेदार राजकुमार धनोरा (पूर्व किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष, जो भाजपा से निष्कासित हो चुके हैं) लगातार राजपूत के खिलाफ बोल रहे हैं। हाल में ही क्षत्रिय समाज की बैठक में धनोरा ने गोविंद सिंह को लेकर अपशब्द भी कहे और कई तीखे बयान दिए। सूत्रों के मुताबिक, यह तब हुआ जब भूपेंद्र वहां मौजूद रहे।
गोपाल भार्गव ने कहा था, हाल में ही भूपेंद्र ने कांग्रेस नेता ब्रज बिहारी पटेरिया को भाजपा में शामिल कराया। वे रेहली में भार्गव के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। अटल पार्क में मूर्ति का उदघाटन करते समय भूपेंद्र के खास कहें जाने वाले सुशील तिवारी ने मंच से भूपेंद्र सिंह का नाम लिया। उस दौरान भार्गव भी मंच पर थे, पर तिवारी ने उनका नाम नहीं लिया।