युवाओं में आकर्षण व हिंदूवादियों के निशाने पर रहता है वैलेंटाइन डे,

 

इंदौर। ‘वेलेंटाइन डे’ वर्तमान में युवा वर्ग व्दारा प्रेम का इजहार करने का दिन बन गया है। 14 फरवरी को मनाया जाने वाला पाश्चात्य संस्कृति का वैलेंटाइन डे खासकर युवाओं में ही बेहद चर्चित है। इस दिन प्रेमी-प्रेमिका एक दूसरे को गुलाब का फूल या गिफ्ट देकर प्रेम का इजहार करते हैं , हालांकि कई- कई जगह इसका जमकर दुरुपयोग भी होता है। आमतौर पर लड़के लड़कियां आज के दिन किसी बगीचे या एकांत स्थान पर बैठकर लव स्टोरी की आड़ में अपना जीवन या आबरू दांव पर लगा देते हैं। इसीलिए वैलेंटाइन डे का हिंदूवादी जमकर विरोध भी करते हैं। अक्सर हिंदूवादी चेतावनी भी देते हैं और हर साल कई प्रेमी जोड़ों को पकड़कर उन्हें आगाह भी करते हैं या पुलिस को सौंप देते हैं। पुलिस इन्हें चेतावनी देकर समझाइश देती है।

इंदौर में वरिष्ठ दंपति दिवस के रूप में भी मनता है वैलेंटाइन डे

‘वेलेंटाइन डे’ को ‘वरिष्ठ दंपती दिवस’ के रूप में मनाने का यह जुनून इंदौर के मानव व आध्यात्मिक सेवी गुरु कृष्णा मिश्रा (60) वर्ष का है। बीमा नगर निवासी कृष्णा कांत मिश्रा हर त्योहार को मानवीय मूल्यों के साथ बिल्कुल अलग तरह से मनाते हैं।
गुरु कृष्णा मिश्रा के मुताबिक आज ‘वेलेंटाइन डे’ युवाओं के लिए एक प्रचलित सा त्योहार हो गया है। यह कहीं न कहीं भारतीय त्यौहारों से बढ़कर हो गया है। प्रेम का एक-दूसरे के प्रति इजहार करना गलत नहीं है लेकिन प्रेम को आगे व लम्बे समय तक लेकर चलना एक सवाल है क्योंकि ऐसे अधिकांश रिश्ते नहीं निभते। इनमें तलाकों की संख्या अधिक हो गई है। इस दिवस को मैं एक ‘वरिष्ठ दंपती दिवस’ के रूप में मनाता हूं।
वे दंपती जिनके विवाह को 50-60 साल हो गए हैं, उनके माध्यम से समाज के युवाओं को यह संदेश दिलवाता हूं कि लाल गुलाब लेकर एक-दूसरे के प्रति प्रेम इजहार करो तो फिर पति-पत्नी बनकर इनके जैसा प्रेम करो। कई दंपती शादी के 50-60 सालों बाद भी एक-दूसरे की विषमताओं को लेकर एक सफल वैवाहिक जीवन जी रहे हैं।