बिजली कर्मचारियों की हड़ताल ने व्यवस्थाओं की कर दी बत्ती गुल

 

इंदौर। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल ने इंदौर की व्यवस्थाओं को बेहाल कर दिया है। झोन कार्यालयों पर उपभोक्ता परेशान, फाल्ट सुधार में 5 घंटे लग रहे। बिजली कंपनी के झोन कार्यालयों पर उपभोक्ताओं से जुड़े काम बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। हालत यह है कि किसी कॉलोनी, मोहल्ले, टाउनशिप में बिजली गुल हो रही है तो सुधार के लिए चार से पांच घंटे लग रहे हैं। स्थायी लाइनमैन गिनती के हैं। उन्हें शिकायत अटेंड करने में वक्त लग रहा है। चार दिन से नए कनेक्शन, बिल सुधार, अस्थायी कनेक्शन की व्यवस्था ठप है।
रोजाना करीब तीन हजार शिकायतें पहुंच रही हैं। दरअसल, इंदौर में तीन हजार से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर हैं। 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं से जुड़ा काम इन्हीं के भरोसे है। हर झोन पर एक सहायक व एक जूनियर इंजीनियर और दो-तीन नियमित कर्मचारी ही बचे हैं। बिजली कंपनी प्रबंधन का कहना है कि वेतन व अन्य सुविधाएं देना कॉन्ट्रैक्टर का काम है, क्योंकि वहीं से कर्मचारी रखे गए हैं।

इसलिए हड़ताल… एक दशक से स्थायी करने की लड़ाई

तकनीकी कर्मचारी संघ, पत्रोपाधि अभियंता संघ, अधिकारी-कर्मचारी संघ पिछले एक दशक से मांग कर रहे हैं कि बिजली कंपनी में स्थायी भर्ती की जाना चाहिए। लाइनमैन, हेल्पर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक के अफसरों की भर्ती होना चाहिए। लाइनमैन और हेल्पर की नियुक्ति तो एक दशक से नहीं हुई है। शहर की बात की जाए तो साढ़े सात लाख से ज्यादा उपभोक्ता हो गए हैं, लेकिन स्थाई लाइनमैन की संख्या 200 भी नहीं है। रिटायर होने के साथ ही पद भी समाप्त किया जा रहा है।