इंदौर में सिख समाज के आयोजन में कमलनाथ को सिरोपा भेंट करने पर विवाद

1984 में हुए दंगे के दौरान सिख समुदाय का नरसंहार और लूटपाट का दोषी माना जाता है कमलनाथ को

इंदौर। गुरु नानक देव महाराज के प्रकाश पर्व पर इंदौर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ कीर्तन दीवान में मत्था टेकने पहुंचे। उनके आगमन पर श्रीगुरु सिंघ सभा के पदाधिकारियों ने सिरोपा भेंटकर उनका सम्मान किया। कुछ देर रुकने के बाद जब कमलनाथ चले गए तो यहां सिरोपा भेंट करने की बात को लेकर विरोध शुरू हो गया। इस दौरान पंजाब से आए कीर्तनकार मनप्रीत सिंह कानपुरी ने पदाधिकारियों के सामने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जो 1984 के दोषी हैं, तुम उनका गुणगान कैसे कर सकते हो। इसके बाद उन्होंने कहा कि अब कभी इंदौर नहीं आऊंगा। इसके बाद महासचिव जसबीर सिंह गांधी ने कहा कि जो गलत होगा, वह आप भुगतेगा। विवाद पर सभा के प्रचार प्रमुख देवेंद्रसिंह गांधी ने कहा कि सामान्य घटना को तूल देकर राजनीति की जा रही है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वर्ष 1984 में जो दंगा हुआ था उसमें सिखों के साथ जमकर नरसंहार और लूटपाट हुई थी। इस पूरे मामले में कांग्रेसी नेता कमलनाथ को भी सिख समुदाय दोषी मानता है। इसीलिए जब कमलनाथ को सिरोपा भेंट किया गया तो विरोध शुरू हो गया।