जमानत राशि के कोर्ट में पेश किये फर्जी दस्तावेज

उज्जैन। जेल में बंद युवक को कोर्ट ने जमानत पर छोडऩे के आदेश जारी किये। युवक ने जमानतदार और अभिभाषक के साथ मिलकर राशि के फर्जी दस्तावेज जमा कर जमानत कर ली। बाद में दस्तावेजों के फर्जी होने का पता चलने पर कोर्ट ने तीनों के खिलाफ केस दर्ज करने आदेश दिये। माधवनगर थाना पुलिस ने बताया कि ग्राम एरवास में रहने वाला विक्रम पिता पदमसिंह आंजना चैक बाउंस के मामले में जेल में बंद था। परिजनों ने उसकी जमानत के लिये हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जहां से 11.33 लाख की राशि जमा करने आदेश जारी किये, जिसके बाद 50 हजार के मुचलके पर जमानत देने को कहा गया। विक्रम ने जमानतदार अर्जुन आंजना और अभिभाषक करणसिंह चौहान के साथ मिलकर साजिश के तहत कुछ पैसे नगद और 8 लाख 27 हजार 775 रुपये ऑनलाइन जमा करने की रसीद कोर्ट में पेश कर दी। जिसके आधार पर उसे जमानत मिल गई। कुछ दिनों बाद पता चला कि जमा राशि की न्यायालय के खाते में नहीं आई है और रसीद फर्जी है। कोर्ट ने मामले में पुलिस को तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिये। कोर्ट से बाबू पंकज पिता कैलाश नारायण ने माधवनगर थाने पहुंचकर तीनों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी में प्रकरण दर्ज कराया। एसआई सलमान कुरैशी ने बताया कि केस दर्ज करने के बाद तीनों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है।

Author: Dainik Awantika