उज्जैन । सिंहस्थ के लिए रोड चौडीकरण का काम तो हो रहा है लेकिन इस काम में बगैर मापदंड के ही चौराहा निर्माण मनमर्जी से किया जा रहा है। मानक ताक पर होने से चौराहों की गोलाई न होने से चौराहा निर्माण में चक्रम काम चल रहा है। इससे भविष्य में इन चौराहों एवं तिराहों पर दुर्घटनाओं की आशंका बन रही है।
सिंहस्थ के लिए चौडीकरण के साथ सडकों का निर्माण किया जा रहा है। विक्रमादित्य प्रशासनिक भवन से देवास रोड मार्ग फोरलेन कर दिया गया है। इस मार्ग पर मुख्य तिराहा देवास रोड का है। इसके बाद इस मार्ग को विक्रमनगर से भी जोडा गया है। वहां पर भी तिराहा बन रहा है। ऐसे ही कई स्थल हैं। इंदौर रोड 6 लेन हरिफाटक ओव्हर ब्रिज तक बनाया जा रहा है,लेकिन शांति पैलेस चौराहा और बडनगर बायपास के मिलान की स्थिति न होने से पास –पास ही दो तिराहा के हाल बन रहे हैं। नानाखेडा से शांति पैलेस चौराहा तक नगर निगम सडक का चौडीकरण करने जा रही है उसके बावजूद यहां बनने वाला चौराहा अजब-गजब ही रहने वाला है।
गोलाई तय नहीं,हादसे आम-
शहर में तेजी से बढते ट्रैफिक के बीच बिना निर्धारित मापदंडों के छोटे बड़े किए जा रहे चौराहे अब दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बनते जा रहे हैं। चौराहे न तो मानकों के अनुसार बनाए गए हैं और न ही सुरक्षा संकेतों की पर्याप्त व्यवस्था है। मापदंडों को ताक पर रखकर गोलाई तय की गई है। भ्रमपूर्ण स्थित में वाहन चालन से दुर्घटनाओं की स्थिति बराबर बढ रही है।
चौराहा हैं या मजाक-
देवास रोड से पंचमपुरा होते हुए दो तालाब एवं आगे चौराहा ,इससे पूर्व ऋषिनगर एक्सटेंशन से इंदौर रोड को जोडने वाला मार्ग का तिराहा,देवास रोड पर उज्जैन पब्लिक स्कूल तिराहा या फिर दुर्गा प्लाजा तिराहा हो या फिर तीन बत्ती चौराहा सभी की स्थिति एक सी है। यहां तक की मापदंड के अनुसार नानाखेडा चौराहा भी गडबड है। शहर के कई हिस्सों में बने कई तिराहा एवं चौराहा पर उचित गोलाई, चौड़ाई, ट्रैफिक सिग्नल, जेब्रा क्रॉसिंग और चेतावनी बोर्ड तक नहीं हैं। कई बार वाहन अचानक सामने आ जाते हैं, जिससे सीधे टक्कर की नौबत आ जाती है। बिना सर्वे के और बिना मानकों का पालन किए इनके निर्माण और सब काम हो रहा है। सौंदर्यकरण के साथ तिराहा, चौराहों की गोलाई के लिए निर्धारित मापदंडों का पालन ही नहीं किया जा रहा है।
नियम ताक पर,समस्या आम-
ट्रैफिक जाम- गलत डिज़ाइन के कारण वाहनों का जमावडा, हॉर्न का शोर और प्रदूषण बढ़ता है। सुरक्षा जोखिम- पैदल और साइकिल सवार के लिए खतरनाक, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
खराब जल निकासी- बारिश में पानी का भरना, जिससे सडकें टूटती हैं,और आवागमन बाधित होता है।
ये हैं चौराहा राउंड अबाउट निर्माण मापदंड-
गोलाई (राउंड अबाउट) का मानक व्यास गोल चौराहे का आकार (डायमीटर) वाहन संख्या और ट्रैफिक दबाव के आधार पर तय किया जाता है।
छोटा चौराहा / एक लेन-28.40 मीटर व्यास
मध्यम चौराहा / दो लेन-40.70 मीटर व्यास
भारी ट्रैफिक / मल्टी-लेन राउंड अबाउट-70 मीटर से अधिक व्यास
- घूमने वाली सड़क की चौडाई-
प्रवेश लेन की चौडाई के बराबर या उससे 1.0.1.2 गुना तक होनी चाहिए, ताकि वाहन आसानी से मुड़ सकें।
- प्रवेश और निकास मार्ग-
घुमाव की त्रिज्या सामान्यतः 15.35 मीटर रखी जाती है, ताकि वाहन सुरक्षित गति से चौराहा पार कर सकें।
- सिग्नल, संकेतक और रोशनी-
हर चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल, चेतावनी संकेतक, दिशा बोर्ड और रात के लिए हाई-इंटेंसिटी स्ट्रीट लाइट अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
मनमानी का निर्माण नियम ताक पर-
रोड एवं चौराहा,तिराहा निर्माण के लिए इंडियन रोड कांग्रेस के अपने नियम हैं । इनके अनुसार ही सिंगल लेन,टू-लेन ,फोर लेन,6लेन मार्ग के निर्माण में उनकी चौडाई रखी जाती है। इसी प्रकार से तिराहा एवं चौराहा का मापदंड भी तय होता है। शहर में मापदंडों को ताक में रखकर सौंदर्यकरण के नाम से खिचडी सडकों पर चाहे जो किया जा रहा है। देवास रोड तीन बत्ती चौराहा से नागझिरी तक अलग अलग चौडाई में है। इसके बावजूद उसके बीच में डिवाईडरों को मनमाफिक बनाया गया है। मूंगी चौराहा पर इसके चलते यातायात जाम के हालात बने रहते हैं।
