April 26, 2024

उज्जैन। लाखों खर्च कर खान नाले बनाया गया बांध सोमवार शाम एक बार फिर टूट गया। रविवार तक स्वच्छ दिख रही क्षिप्रा अंधेरा होते-होते मैली नजर आने लगी। अपनी नाकामी को छुपाने के लिये जलसंसाधन विभाग ने सफाई पेश की और बांध को क्षति से बचाने के लिये कट लगाना बता दिया।
खान नाले का गंदा पानी क्षिप्रा में मिलने से रोकने के लिये त्रिवेणी के समीप मकर संक्राति से पहले नया मिट्टी का पक्का बांध बनाये जाने का दावा जल संसाधन विभाग ने किया था। बांध में पाइप डाले गये थे। जिसके चलते बांध को क्षति नहीं पहुंचे और पानी निकलता रहे। लेकिन सोमवार शाम जल संसाधन विभाग और प्रशासन के दावे खान के गंदे पानी के साथ बह निकले। बांधे के टूटते ही काला गंदा पानी पुण्य सलिल क्षिप्रा में तेजी के साथ मिलने लगा था। शाम को टूटे बांध से पहले डेढ़ माह पहले भी बांध ने अपना मुंह फाड़ दिया था, जिसके बाद हंगामा मचा था, साधु-संतों ने मैली होती क्षिप्रा को बचाने के लिये धरना दिया। भोपाल से अधिकारियों और इंजीनियरों की टीम आई, दावा किया गया कि अब बांध का गंदा पानी रोक दिया जाएगा। मकर संक्राति के पहले आनन-फानन आस्था के नहान से पहले लाखों खर्च कर नया बांध बनाया गया था।