April 27, 2024

– महाकाल से बड़ा गणेश, नृसिंह घाट होकर रामघाट जाएगी

– शिप्रा तट पर पूजन के बाद हरसिद्धि के सामने से निकलेगी

ब्रह्मास्त्र उज्जैन। कार्तिक मास में उज्जैन में भगवान महाकाल की पहली सवारी कोरोना से सुरक्षा के चलते छोटे व परिवर्तित रूट से ही निकाली जाएगी। प्रशासन ने रविवार को रूट तय मार्ग का निरीक्षण भी किया।

मंदिर में पूजन के बाद सवारी शाम 4 बजे शुरू होगी जो महाकाल मंदिर से निकलकर बड़ा गणेश मंदिर, हरसिद्धि चौराहा, नृसिंह घाट मार्ग, रामघाट होकर राणौजी की छतरी के सामने पहुंचेगी जहां शिप्रा तट पर महाकाल का पूजन-अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट के सामने से होकर हरसिद्धि मंदिर के सामने से होते हुए वापस महाकाल पहुंचकर समाप्त होगी।

सवारी में चांदी की पालकी पुलिस बैंड, पंडे-पुजारी होंगे

सवारी में बाबा महाकाल की चांदी की पालकी रहेगी। पालकी में महाकाल के स्वरूप मनमहेश विराजित रहेंगे। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में कोविड-19 महामारी के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए सवारी का रूट परंपरागत नहीं रखते हुए छोटा व परिवर्तित तय किया गया है। सवारी में चांदी की पालकी रहेगी। इसके अलावा पुलिस का बैंड रहेगा व पंडे-पुजारी आदि ही शामिल रहेंगे।

कार्तिक में दो सवारी फिर अगहन मास में भी दो और सवारी आएगी

कार्तिक मास में इस बार दो सवारी निकलेगी। पहली 8 नवंबर है। दूसरी 15 नवंबर को आएगी। इसके बाद अगहन मास में भी दो सवारी निकलेगी। पहली 22 व दूसरी 29 नवंबर को आएगी। इस बीच एक सवारी 17 नवंबर को वैकुंठ चतुर्दशी पर भी निकलेगी। जिसे हरिहर मिलन की सवारी भी कहते हैं। यह सवारी शाम की जगह रात में 11 बजे महाकाल मंदिर से शुरू होती है।