बम के कॉलेज से पेपर आउट : थाने के बजाए प्राचार्य कक्ष में रखा पेपर, वहीं से लीक

 

इंदौर। एमबीए प्रथम सेमेस्टर के प्रश्न पत्रों की सुरक्षा को आइडलिक इंस्टिट्यूट आफ मैनेजमेंट ने ताक पर रख दिया। नियमानुसार प्रश्न पत्र पुलिस थाने में रखे जाने थे, लेकिन कालेज प्रबंधन ने प्राचार्य के कक्ष में एक सप्ताह तक प्रश्न पत्रों को रखा और उसी कक्ष से कालेज के कम्प्यूटर आपरेटर व अन्य स्टाफ ने पर्चा लीक किया।
कालेज प्राचार्य ने भी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की जांच कमेटी के सामने प्रश्न पत्र को कालेज कक्ष में रखने की बात को स्वीकारा और बताया कि कालेज में सुरक्षा गार्ड मौजूद रहते हैं। इस वजह से यहां पर प्रश्न पत्र रखना सुरक्षित था। कालेज में दर्जनों सुरक्षा गार्ड रखने वाले कालेज प्रबंधन ने जिस प्राचार्य कक्ष में प्रश्न पत्रों को रखा था, उस कमरे में सीसीसीटीवी कैमरे ही नहीं थे।
गौरतलब है कि पेपर लीक कांड के तार जिस कालेज से जुड़े हैं, उसके संचालक कांग्रेस से भाजपा में आए अक्षय बम हैं। भले ही पुलिस ने कालेज में काम करने वाले कंप्यूटर आपरेटर को गिरफ्तार कर लिया हो। यहां तक कि पेपर बेचने के संबंध में उसे मुख्य आरोपित भी बनाया है, मगर दबाव में कालेज के कर्ताधर्ता को पुलिस ने इस कार्रवाई के दायरे से दूर रखा है।

मामूली गलती बता कर पल्ला झाड़ रही प्राचार्य

गलती को लेकर प्राचार्य ने विश्वविद्यालय को मामूली स्पष्टीकरण देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी कालेजों पर अभी तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा 21 मई से शुरू हुई है। 25 मई को क्वांटिटिव टेक्नीक और 28 मई को अकाउंट फार मैनेजर विषय का पेपर आउट हो गया था।

अब तक तीन गिरफ्तार

दोनों ही पेपर विद्यार्थियों तक वाट्सअप के माध्यम से परीक्षा से एक दिन पहले पहुंच गए। पेपर लीक कांड को लेकर विश्वविद्यालय ने पुलिस में आवेदन दिया। जांच में आइडलिक कालेज के कंप्यूटर आपरेटर दीपक सोलंकी सहित धीरेंद्र नरवरिया और गौरव सिंह गौर दोनों विद्यार्थियों को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक कालेज प्रबंधन के बिना सहयोग कंप्यूटर आपरेटर का पेपर आउट करना संभव नहीं है। पेपर लीक कांड में तीनों को मुख्य आरोपी बना दिया है।
30 मई तक पेपर थे कालेज में
एमबीए की परीक्षा 21 मई से शुरू हुई, मगर एक दिन पहले ही विश्वविद्यालय ने प्रश्न पत्र केंद्रों पर भिजवा दिए थे। लिफाफे में 30 मई तक होने वाली सारी विषयों की परीक्षा के प्रश्न पत्र रखे थे। इस लिहाज से आइडलिक कालेज में 21 से 30 मई तक वाले सारे पेपर रखे थे। खास बात यह है कि 28 मई का पेपर लीक होने के बाद विश्वविद्यालय ने 30 मई का पेपर ई-मेल से भेजने की व्यवस्था की थी, मगर 29 मई को कालेज में रखा पेपर भी बाहर आ चुका था।

छह घंटे तक दस्तावेज खंगाले

शनिवार को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी विश्वविद्यालय के नालंदा परिसर में कुलसचिव अजय वर्मा, परीक्षा-गोपनीय विभाग के डिप्टी रजिस्ट्रार प्रज्वल खरे और छात्र कल्याण संघ के अध्यक्ष डा. एलके त्रिपाठी से मिलने पहुंचे। दोपहर एक बजे पुलिस अधिकारी विश्वविद्यालय पहुंचे। करीब छह घंटे तक नालंदा परिसर में रहे। उन्होंने एमबीए की परीक्षा के लिए बनाए अन्य केंद्र के बारे में जानकारी निकाली।