April 27, 2024

दैनिक अवंतिका(उज्जैन) ग्राम बालोदा लक्खा में हुई किसान की हत्या का पांच दिनों की मशक्कत के बाद रविवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। हत्या में शामिल युवक पैरोल पर आये भाई को उलझाने की फिराक में था। उसने चार दिनों तक गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उससे सच का पता लगा लिया। आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है। भाटपचलाना थाना क्षेत्र के ग्राम बालोदा लक्खा ने 19 मार्च की सुबह उस वक्त सनसनी फैल गई थी, जब खेत पर किसान किशनसिंह राजपूत 50 वर्ष की लाश मिलने की खबर सामने आई थी। किसान के सिर पर कान के पास वजनी हथियार से हमला किया जाना सामने आया था। पुलिस ने मामले में हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। आसपास खेतों में सोने वाले किसानों को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया। चार दिनों की मशक्क के बाद मृतक के पडोसाी खेत मालिक के पुत्र गोविंद पिता उमरावसिंह राजपूत 25 वर्ष को गिरफ्तार कर लिया। मामले का खुलास करते हुए एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि मृतक किशनसिंह ने आरोपी गोविंद की मां से 9 बीघा जमीन खरीदी थी। वहीं ढाई बीघा जमीन का अनुबंध कर साढे चार लाख रूपये भी उधार दिये थे। जिसे वापस लौटाने का दबाव किशनसिंह बना रहा था। इसी वजह से गोविंद ने हत्या की साजिश रची और लोहे के फावड़े से रात में हमला कर हत्या कर दी। एसपी के अनुसार आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त फावड़ा बरामद किया गया है। जिसे रविवार दोपहर न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है। हत्या के बाद खेत में सो गया था आरोपी पुलिस के मृतक किसान और आरोपी का खेत कुछ दूरी पर है। 18-19 मार्च की रात किशनसिंह अपने खेत में लहसून की रखवाली के लिये सोया था। वहीं आरोपी भी अपने खेत पर सो रहा था। आसपास खेतों में भी कई किसान सोए थे। खेतों के आसपास पवन चक्की लगी है, जो रात तेजी के साथ चलती है और मौसम में काफी ठंडक आ जाती है। जिसके चलते सभी गहरी नींद में थे, इसी का फायदा आरोपी ने उठाया और किशनसिंह की नींद में हत्या कर दी। उसके बाद खुद अपने खेत पर आकर सो गया। सुबह जब पुलिस पहुंची तो वह भी गमगीन माहौल में शामिल हुआ। मृतक किसान आरोपी परिवार की हमेशा आर्थिक मदद करता था। जिसके चलते किसी को उस पर संदेह भी नहीं हुआ। पैरोल पर आये भाई को बताया आरोपी बताया जा रहा है कि आरोपी गोविंद का एक भाई  कालू पूर्व में हुई हत्या का आरोपी रह चुका है उसे आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। वह 16 दिनों की पैरोल पर आया हुआ है। पुलिस ने किशनसिंह की हत्या के बाद आसपास खेतों में सो रहे किसानों को पूछताछ के लिये थाने पर बैठाया तो उसमें गोविंद भी शामिल था। उसने पूछताछ में गांव के अलग-अलग लोगों के नाम बताना शुरू कर दिये। वहीं षडयंत्र के तहत पैरोल पर आये भाई पर भी संदेह जता दिया। पुलिस ने उसके भाई को भी थाने बुला लिया था। गोविंद लगातार पुलिस को बरगला रहा था। जिससे उस पर शंका बढ़ती गई। तीन दिन पुलिस ने उसे सख्त पूछताछ शुरू की तो हत्याकांड का खुलासा हो गया।