खाद्य विभाग का यह कैसी कार्यवाही ? 2 वर्ष में मात्र 5 मिलावट खोरो पर ही हुई एनएसए

इंदौर। कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा खाद्य एवं औषधि विभाग को लगातार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पिछले कई वर्षों में देखा गया है कि खाद्य विभाग की लापरवाही के चलते कई केसों में अब तक सही निर्णय नहीं हो पाए हैं। इसी मामले को लेकर कुछ माह पहले हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसके बाद यह पता चला कि महानगर इंदौर सहित प्रदेश में मिलावटखोरों पर खाद्य कितना मेहरबान है।
इस की पोल खुद खाद्य एवं सुरक्षा विभाग की उस रिपोर्ट ने खोल दी है, जो विभाग द्वारा पिछले दिनों हाईकोर्ट में पेश की गई। दरअसल, मिलावट के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसमें खुलासा हुआ कि विभाग द्वारा दो साल में महज पांच मिलावटखोरों पर ही एनएसए की कार्रवाई की गई।

खाद्य विभाग द्वारा हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि विभाग द्वारा सन 2021 में मिलावटखोरों के खिलाफ 17 एनएसए की कार्रवाई की गई थी, जबकि इसके बाद के वर्षों में 2022 से अब तक महज 5 मिलावटखोरों पर ही एनएसए की कार्यवाही की गई।

इसमें भी इस साल तो अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। हद तो यह है कि विभाग बीते तीन साल में सिर्फ 258 लोगों को ही सजा दिला सका। इस मामले में हाईकोर्ट ने परीक्षण के लिए रिपोर्ट की कॉपी न्याय मित्र को सौंपी है। न्यायमित्र रिपोर्ट का परीक्षण कर कोर्ट को वास्तविकता से अवगत कराएंगे।
अब इस मामले में अगली सुनवाई 1 अप्रैल को होगी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस मामले हैरानी जताई है कि यह लोगों की सेहत और स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला है। ऐसे मामलों में खाद्य विभाग रिकवरी एजेंट के रूप में काम कर रहा है। इसलिए विभाग स्पष्ट जानकारी दे।
पिछले 3 वर्षो का रिकॉर्ड देखा जाए तो खाद्य विभाग द्वारा सन 2021 से 2024 के बीच कुल दूध, दही, पनीर, माया, पी सहित विभिन्न खाद्य सामग्री के 47 हजार 731 नमूने लिए थे। जिन मिलावटखोरों के नमूने अमानक पाए गए, उन पर जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा असुरक्षित पदार्थों के नमूनों पर न्यायालय में परिवाद पेश किए गए।