डीएवीवी में चल रहा बड़ा घोटाला, आउटसोर्स के कर्मचारियों का हो रहा शोषण

कर्मचारियों की भर्ती नहीं होने से लगातार नुकसान उठा रहा है विवि प्रशासन

इंदौर। मध्य प्रदेश में दैनिक वेतन भोगियों की भर्ती बंद होने के बाद आउटसोर्स से कर्मचारियों को रखने का चलन शुरू हुआ था इसके बाद शासकीय विभागों में आउटसोर्स से हजारों कर्मचारियों को रखा गया लगातार शासकीय विभागों में कर्मचारी रिटायर हो रहा है ,परंतु नई भर्ती नहीं होने की वजह से कामकाज भी प्रभावित हो रहे हैं।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में भी 12 वर्ष से पहले भर्ती बंद हो गई थी, जिसके कारण आउटसोर्स के माध्यम से कर्मचारियों को रखा गया है। हर महीने इनका वेतन भी कलेक्टर रेट के हिसाब से फिक्स किया गया था ,परंतु विश्वविद्यालय प्रबंधन और एजेंसी मिलकर इन कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं।
आउटसोर्सिंग के माध्यम से अर्ध कुशल कुशल एवं उच्च कुशल तक के पद पर आउटसोर्स के माध्यम से कर्मचारी रखे गए हैं जिनका वेतन अलग-अलग कैटेगरी में फिक्स किया गया है।
8000, 10000 और 12000 के नाम मात्र के वेतन पर ही बड़े से बड़ा काम इन कर्मचारियों से करवाया जा रहा है। वह हर महीने इनका आधे से भी ज्यादा वेतन बीच में ही गायब कर दिया जाता है।
यह पूरा खेल विश्वविद्यालय के अधिकारी एजेंसी से मिलकर खेल रहे हैं वही इन कर्मचारियों का शोषण भी कर रहे हैं।
इसमें हर महीने लाखों रुपए का घोटाला विश्वविद्यालय में होता है वही कर्मचारी इस नाम मात्र के वेतन में अपना घर तक नहीं चला पा रहे हैं। वही हद तो तब पर हो जाती है जब इनका वेतन दो-दो महीने तक इनके पास नहीं पहुंचता है।