मतदाता सूची में संशोधन के लिए विशेष शिविर

भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए तैयार की जा रही मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, हटवाने और संशोधन के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इसमें प्रत्येक मतदान केंद्र पर बूथ लेवल आफिसर बैठेंगे और आवेदन लेंगे। वहीं, बूथ लेवल आफिसर घर-घर जाएंगे और विधानसभा चुनाव में संपर्क अभियान में अनुपस्थित पाए गए मतदाताओं का सत्यापन भी करेंगे। सूची का अंतिम प्रकाशन आठ फरवरी को किया जाएगा।
प्रदेश में मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए छह जनवरी से विशेष पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि मतदान केंद्रों पर बूथ लेवल आफिसर 22 जनवरी तक बैठेंगे और आवेदन लेंगे। वहीं, 13 और 20 जनवरी को घर-घर संपर्क अभियान चलेगा। इसमें बूथ लेवल आफिसर मतदाताओं का सत्यापन करने के साथ आवेदन भी लेंगे। आवेदनों का निराकरण करके मतदाता सूची को पांच फरवरी तक अंतिम रूप दिया जाएगा। इसका प्रकाशन आठ फरवरी को होगा। इसी सूची के आधार पर लोकसभा चुनाव कराए जाएंगे। ऐसे मतदान केंद्र, जहां मतदाताओं की संख्या डेढ़ हजार से अधिक हो जाएगा, वहां नए केंद्र बनाने का प्रस्ताव जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा दिया जाएगा। चुनाव आयोग की अनुमति से नए केंद्र बनाए जाएंगे।भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए तैयार की जा रही मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, हटवाने और संशोधन के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इसमें प्रत्येक मतदान केंद्र पर बूथ लेवल आफिसर बैठेंगे और आवेदन लेंगे। वहीं, बूथ लेवल आफिसर घर-घर जाएंगे और विधानसभा चुनाव में संपर्क अभियान में अनुपस्थित पाए गए मतदाताओं का सत्यापन भी करेंगे। सूची का अंतिम प्रकाशन आठ फरवरी को किया जाएगा। प्रदेश में मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए छह जनवरी से विशेष पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि मतदान केंद्रों पर बूथ लेवल आफिसर 22 जनवरी तक बैठेंगे और आवेदन लेंगे। वहीं, 13 और 20 जनवरी को घर-घर संपर्क अभियान चलेगा। इसमें बूथ लेवल आफिसर मतदाताओं का सत्यापन करने के साथ आवेदन भी लेंगे। आवेदनों का निराकरण करके मतदाता सूची को पांच फरवरी तक अंतिम रूप दिया जाएगा। इसका प्रकाशन आठ फरवरी को होगा। इसी सूची के आधार पर लोकसभा चुनाव कराए जाएंगे। ऐसे मतदान केंद्र, जहां मतदाताओं की संख्या डेढ़ हजार से अधिक हो जाएगा, वहां नए केंद्र बनाने का प्रस्ताव जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा दिया जाएगा। चुनाव आयोग की अनुमति से नए केंद्र बनाए जाएंगे।