हुकमचंद मिल मजदूरों के भुगतान को लेकर कैबिनेट में होगी चर्चा

मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले ही कहा था सरकार बहुत जल्द कुछ करेगी

इंदौर। वर्ष 1991 को बंद हुआ था हुकमचंद मिल, तब से मिल के 5895 मजदूर और उनके स्वजन अपने हक के लिए भटक रहे हैं। वर्षों पहले कोर्ट ने मजदूरों के पक्ष में 229 करोड़ रुपये मुआवजा तय किया था, लेकिन इसमें से 174 करोड़ रुपये अब तक नहीं मिले।
नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड मिल 174 करोड़ रुपये देने को तैयार हैं, लेकिन मजदूर ब्याज सहित राशि दिलाए जाने की मांग कर रहे हैं।
हुकमचंद मिल के 5895 मजदूरों के बकाया भुगतान को लेकर मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि मजदूरों के भुगतान को लेकर कैबिनेट में चर्चा होना है। दो दिन का समय दिया जाए। इस पर कोर्ट ने सुनवाई आगे बढ़ाते हुए अगली सुनवाई शुक्रवार के लिए निर्धारित कर दी।
अब शुक्रवार को पता चलेगा कि सरकार ने मजदूरों के भुगतान के लिए क्या योजना तैयार की है। दो दिन पहले खुद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इंदौर प्रवास के दौरान आश्वासन दिया था कि सरकार बहुत जल्दी हुकमचंद मिल के मजदूरों के भुगतान को लेकर कोई बड़ा निर्णय लेगी।