फूलडोल की परंपरा के लिए तैयार  हो रहा चौड़ीकरण वाला पूरा मार्ग

– दिन-रात चल रहा काम, 25 सितंबर को निकलेंगे चलसमारोह

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

उज्जैन में डोल ग्यारस पर निकलने वाले फूलडोल चल समारोह के लिए चौड़ीकरण वाला मार्ग तैयार हो रहा है। इसके लिए दिन-रात नगर निगम व विभिन्न विभागों की टीमें जुटी हुई है। करीब 100 सालों से इसी मार्ग से डोल निकलते आए है। लेकिन इस बार यहां चौड़ीकरण के बाद से लग रहा था कि मार्ग बदलना पड़ सकता है। 

लेकिन अफसरों से जनप्रतनिधियों के साथ मार्ग का दो से तीन बार निरीक्षण किया और प्रयास किया कि मार्ग बदलना न पड़े और चलसमारोह परंपरागत मार्ग से ही निकले। इस मार्ग की सड़क, नाली से लेकर बिजली के खंबो, पानी की पाइप लाइन आदि सब के काम चल रहे हैं। करीब डेढ़ किमी लंबे इस मार्ग के बीच भैरुनाला, गणेश चौक, इमली तिराहा, गौतम मार्ग से होकर ही विभिन्न समाजों व मंदिरों के डोल हर वर्ष ग्यारस पर परंपरागत रूप से निकलते हैं। इस बार 25 सितंबर को डोल निकलेंगे। इसके पहले यह मार्ग पूरी तरह से तैयार करना जरूरी है। इसलिए दिनरात काम जारी है। 

बैरवा समाज का तो 101 वें वर्ष  

में निकलेगा फूलडोल चलसमारोह 

इस बार बैरवा समाज का फूलडोल चल समारोह का यह 101 वां वर्ष है। बैरवा समाज इसे लेकर उत्साहित हैं। वे चाहते हैं कि चल समारोह परंपरागत मार्ग से निकले। ऐसे में उज्जैन नगर निगम के महापौर मुकेश टटवाल खुद निगम के अफसरों व ठेकेदार की टीम के सामने लगातार मार्ग का निरीक्षण कर काम पर नजर रखे हुए है। ठेकेदार को 24 सितंबर तक किसी भी हालत में कार्य पूरा करने के निर्देश है। 

गोपाल मंदिर, नरसिंह मंदिर सहित 

कई जगह से निकाले जाएंगे डोल 

हर वर्ष की परंपरा अनुसार इस बार भी सिंधिया ट्रस्ट के द्वारकाधीश गोपाल मंदिर, लखेरवाड़ी स्थित नरसिंह मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों व समाजों के द्वारा बैंड-बाजे व ढोल के साथ भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा रखकर डोल निकाले जाएंगे। गोपाल मंदिर का डोल भी चौड़ीकरण वाले मार्ग से होकर ही अंकपात सोला सागर पर जाकर समाप्त होगा। हालांकि नरसिंह मंदिर का डोल शिप्रा तट रामघाट से होकर नगर में निकलेगा। 

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