रतलाम : ऋषि मुनियों द्वारा सृष्टि की रचना की गई है:स्वामी आत्मानंद

रतलाम ।  भाद्रपद शुक्ल पंचमी को ऋषि पूजन के महत्व के विषय पर ब्रह्म पुराण में विस्तृत रूप से वर्णन दिया गया इस दिन विधिपूर्वक व्रत व ऋषि पूजन करने से जाने अनजाने पूर्व के सारे पापों का स्वत: ही शमन हो जाता है , शास्त्रों में तीन ऋण का वर्णन मिलता है देव पितृ और ऋषि ऋण ऋषि पंचमी पर की जाने वाली पूजा से और ऋषि के सानिध्य में संत महात्माओं के सानिध्य प्राप्त करके उनका विधिवत पूजन करने व्रत करने से मनुष्य को समस्त पापों से मुक्ति प्राप्त होती है तथा मनुष्य के जीवन में समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती हैं उक्त बात श्रृंगेरी मठ के दंडी स्वामी आत्मानंद जी सरस्वती ने अपने आख्यान में कहीं। ऋषि पंचमी के पावन पर्व पर श्री श्रीमाली समाज अध्यक्ष प्रकाश व्यास सहित कई बंधुओ ने स्थानीय दंडी स्वामी आश्रम में स्थित स्वामी जी के दर्शन लाभ प्राप्त कर उनका पूजन किया और पूर्व में जाने अनजाने गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना करते हुए उनसे शुभ आशीष प्राप्त किया।