उत्पीड़न छुपाना ही उत्पीड़न को बढ़ाने का एक बड़ा कारण….परिवार में महिला और बच्चों के बदलते व्यवहार पर रखे नजर

इंदौर। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज,हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर,मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा प्रिवेंशन आफ सेक्सुअल हैरेसमेंट विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता सीएस दिविजा दवे ने इंडेक्स समूह संस्थान के छात्रों को सेक्सुअल हैरेसमेंट से जुड़े हर मुद्दे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न (सेक्सुअल हैरेसमेंट) आज केवल एक मुद्दा नहीं बल्कि किसी महिला और बच्चे की जिंदगी का सबसे बुरा दौर है। आज सबसे बड़े शर्म की बात तो ये है कि कुछ महिलाएं और बच्चे आए दिन सेक्सुअल हैरेसमेंट से होकर गुजरते हैं।

-इंडेक्स मेडिकल कॉलेज,हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर,मालवांचल यूनिवर्सिटी में प्रिवेंशन आफ सेक्सुअल हैरेसमेंट विषय पर सेमिनार

यौन उत्पीड़न के जितने केस हमारे समाज में सामने आते हैं, उससे कहीं ज्यादा केस सामने आने ही नहीं दिए जाते हैं। यौन उत्पीड़न के मामले को अंदर ही दबा देने के कई कारण हैं, जिसमें समाज में बेइज्जती, उत्पीड़न के बाद मिलने वाली धमकी इन सभी कारणों से कई बार ये मामले दबा दिए जाते हैं। इस मामले को छुपाना ही उत्पीड़न को बढ़ाने का एक बड़ा कारण है।भारत में महिलाओं के साथ वर्क प्लेस पर भेदभाव जारी है। कंस्ट्रक्शन, कृषि और आईटी,हेल्थ सेक्टर में मजदूरी और घरों में बाई का काम करने वाली महिलाएं आज भी यौन उत्पीड़न और अपशब्दों का सामना कर रही हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि इनकी रोकथाम के लिए बने कानूनों का इस्तेमाल बहुत कम किया जा रहा है।

पहली काउंसलिंग परिवार को खुद ही करना चाहिए..

मालवांचल यूनिवर्सिटी के प्रो.वाइस चांसलर डॅा.रामगुलाम राजदान ने कहा कि देश में वर्क प्लेस पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने के लिए 2013 में कानून बनाया गया था। इसे पोश एक्ट यानी प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हैरेसमेंट कहा जाता है। भारत में वर्क-प्लेस पर जिन महिलाओं का उत्पीड़न हो रहा है, उनमें ज्यादातर गरीब और पिछड़े तबके की महिलाएं हैं। उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की कई बार मौत हो जाती है।चिकित्सा अधीक्षक डॅा.स्वाति प्रशांत ने कहा कि बच्चों के बदलते व्यवहार पर खासतौर पर अभिभावकों को ध्यान रखना चाहिए। यदि वह सेक्सुअल हैरेसमेंट के शिकार हो रहे है उनकी पहली काउंसलिंग परिवार को खुद ही करना चाहिए। उनसे हर मुद्दे पर उनसे पूरी जानकारी लेना सबसे पहले जरूरी है। इसी के साथ महिलाओं को ही इसके रोकथाम के लिए आवाज उठानी होगी। बहुत सी महिलाएं अपने साथ होने वाले उत्पीड़न को लेकर चुप रहती हैं, उन्हें भी इसका विरोध करना चाहिए और न्याय के लिए प्रयास करना चाहिए। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया और वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इंडेक्स समूह के डायरेक्टर आर.एस राणावत,एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज डीन डॅा.जीएस पटेल,क्वालिटी एंड एक्रेडिटेशन सीईओ डॅा.ज्योति घसोलिया,डॅा.सुधीर मौर्या उपस्थित थे।