मीडिया का कार्य है शासन के सभी अंगों को सचेत करना : उपराष्ट्रपति  धनखड़

West Bengal Governor Shri Jagdeep Dhankhar at the 188th annual general meeting of Calcutta Chamber of Commerce on September 26,2019 in Kolkata,India. Governor said: I have no agenda at all. I will live by my oath. My oath is to uphold the Constitution, protect the Constitution and serve the people of West Bengal. That is a part of my oath. In doing that I will not hesitate. If I hesitate, then I will be outraging my oath and I will not. Dhankhars remarks come days after state minister and TMC secretary general Partha Chatterjee had hit out at Dhankhar, saying the new Governor has exposed himself of not being a neutral person within 15 days of joining by making politically-biased statements against the government. The ruling party has been unhappy with the Governor since last Thursdays ruckus at Jadavpur University in which Dhankhar had gone to escort Union minister and BJP MP Babul Supriyo who was gheraoed by Left students union. The TMC government had then said that the Governor did not pay heed to Chief Minister Mamata Banerjees advice against going to the university campus.Referring to the Jadavpur incident, Dhankhar said that he was ready to take a bullet in his chest to solve any issues concerning between the state universities and the state government. The Governor also praised the Trinamool Congress government, saying that there has been development in West Bengal under Chief Minister Mamata Banerjee. Under the present chief minister, development is taking place. Even when I went to Siliguri, I found good roads and development. When I went to that Convention Centre (in New Town), I was delighted and it was the best in India. The first thing I did was I sent a message to the Chief Minister saying that this centre is an amazing work and I am told it has been done by you, Dhankhar added. (Photo by Debajyoti Chakraborty/NurPhoto via Getty Images)

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति ने उपाधियाँ प्रदान की

उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के नवीन परिसर का लोकार्पण किया

 उज्जैन । उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने कहा है कि लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ के रूप में मीडिया का कार्य शासन के सभी अंगों को सचेत करना, सच्चाई, सटीकता एवं निष्पक्षता के साथ जनमानस तक जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र प्रेस लोकतांत्रिक राष्ट्र की रीढ़ है। प्रेस की स्वतंत्रता के साथ प्रेस का ज़िम्मेदार होना भी महत्वपूर्ण है। सकारात्मक समाचार को तरजीह देना आवश्यक है। इससे समाज में हो रहे सकारात्मक बदलाव को गति प्राप्त होती है।

उपराष्ट्रपति  धनखड़ गत दिवस भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। वे विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष भी है। उन्होने विश्वविद्यालय के भोपाल के बिशनखेड़ी में स्थित नवीन परिसर का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में जनसम्पर्क एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री  राजेन्द्र शुक्ल और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव विशेष रूप से उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने विश्वविद्यालय को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी एवं विश्वास व्यक्त किया कि यह संस्थान पत्रकारिता जगत में अपना उत्कृष्ट योगदान निरंतर जारी रखेगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पत्रकारिता व्यवसाय नहीं समाजसेवा है। पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं। व्यावसायिक लाभ व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर सेवा-भाव से काम करें।

उपराष्ट्रपति  धनखड़ ने उपाधि प्राप्तकर्ता समस्त विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि प्राप्त ज्ञान का उपयोग सभी विद्यार्थी लोक कल्याण के लिए करेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि राष्ट्रकवि, लेखक एवं पत्रकार पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की सोच अनुरूप देशहित को सर्वोपरि रखकर राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ भारत की विकास यात्रा में अपना सशक्त योगदान दें।

वैदिक मंत्रोचार के साथ हुआ दीक्षांत समारोह का शुभारंभ

दीक्षांत समारोह में पारंपरिक परिधान और अंगवस्त्र के प्रति उपराष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत के उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम – चारों दिशाओं की झलक देखने को मिलती है। यह देश के लिए बहुत बड़ा सार्थक संदेश है। उपराष्ट्रपति  धनखड़ ने कहा कि आज भारत आर्थिक, शैक्षणिक, शोध हर क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। यह गौरव का विषय है। आज ऐसा वातावरण है कि हर व्यक्ति जो चाहे वह निखार स्वयं में ला सकता है और भारत को विश्वगुरु बनाने में योगदान दे सकता है। दीक्षांत समारोह में कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी की अगुवाई में विद्वत् यात्रा ने वैदिक मंत्रोचार की पवित्र ध्वनि के बीच सभागार में प्रवेश किया। स्वस्ति वाचन एवं मंगलाचरण के उच्चारण के साथ उपराष्ट्रपति ने दीप प्रज्वलन कर दीक्षांत कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

समारोह में विश्वविद्यालय के 2018 से 2023 तक के 23 शोधार्थियों को उपराष्ट्रपति द्वारा पीएचडी की उपाधि प्रदान की गयी। इसके साथ ही मीडिया, मीडिया प्रबंधन, कंप्यूटर एवं सूचना प्रोद्योगिकी पाठ्यक्रम के लगभग 450 विद्यार्थियों को विभिन्न विधाओं में मास्टर ऑफ़ आर्ट्स, मास्टर ऑफ़ साइंस, मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन, मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन, मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म, मास्टर ऑफ़ लाइब्रेरी एंड इनफार्मेशन साइंस और मास्टर ऑफ़ फिलोसफी की उपाधि प्रदान की गयी। उपराष्ट्रपति  धनखड़ द्वारा सत्र 2020-22 में विश्वविद्यालय के फ़िल्म प्रोडक्शन में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए  वागेश्वरी नंदिनी को स्व. डॉ. अनिल चौबे स्मृति पदक, 21 हज़ार रुपये का चेक एवं प्रमाण पत्र, सत्र 2020-22 में एम.ए. विज्ञापन एवं जनसंपर्क पाठ्यक्रम में सर्वोच्च सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए  श्वेता रानी को स्व.  अम्बा प्रसाद श्रीवास्तव स्मृति पदक एवं प्रमाण पत्र और सत्र 2021-23 में विश्वविद्यालय के पत्रकारिता स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए  अंजलि को स्व. डॉ. रामेश्वर दयाल तिवारी स्मृति पदक, 11 हज़ार रुपये का चेक एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।

कुलपति डॉ. के.जी. सुरेश ने विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डॉ. सुरेश ने बताया कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय एशिया का प्रथम एवं देश का सबसे बड़ा पत्रकारिता विश्वविद्यालय है, जो विगत 32 वर्षों से पत्रकारिता, प्रसारण पत्रकारिता, जनसंपर्क एवं विज्ञापन, फिल्म अध्ययन, जनसंचार, पुस्तकालय विज्ञान, मीडिया प्रबंधन, कंप्यूटर विज्ञान और अनुप्रयोग, नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और संचार शोध विषयों में शिक्षण- प्रशिक्षण देता है। इंडिया टुडे ओपन मैगजीन सर्वे और द वीक मैगजीन की रैंकिंग में, हाल ही में, इसे श्रेष्ठ मीडिया संस्थानों में शामिल किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत मीडिया पाठ्यक्रमों को लागू करने वाला, यह देश का प्रथम विश्वविद्यालय है। आज प्रदेश में पांच परिसरों, 1600 से अधिक अध्ययन केंद्रों में 2 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं। अकादमिक उन्नयन की दिशा में, UN पॉपुलेशन फंड समेत विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर के अनेक शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से परस्पर सहमति अनुबंध किया है जिसका लाभ विद्यार्थियों के ज्ञान एवं कौशल में हो रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत, रोजगारमूलक फिल्म अध्ययन और चलचित्र विभाग स्थापित किया गया है। मध्यभारत का यह पहला अध्ययन केंद्र, समाज में सकारात्मक, सृजनात्मक और राष्ट्र निर्माण के उद्देश्यों को डिजिटल फिल्म मेकिंग के जरिए पूरा करेगा। हमने हिंदी के प्रथम समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड के संस्थापक संपादक पंडित जुगल किशोर शुक्ल के स्मृति में देश का प्रथम डिजिटल समाचार पत्र संग्रहालय ‘न्यूज़ियम’ बनाने का भी सैद्धांतिक निर्णय लिया है। डॉ. सुरेश ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों, उपलब्धियों एवं आगामी कार्ययोजना की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। कुलपति द्वारा उपाधि प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को दीक्षोपदेश प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान तकनीकी व्यवधान के कारण कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल नहीं हो सके। सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक  पी.सी. शर्मा एवं विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन  विवेक सावरीकर ने किया।

उपराष्ट्रपति ने सपत्नीक कदंब के पौधे रोपे

उपराष्ट्रपति  धनखड़ ने पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में कदंब के पौधों का रोपण किया।