देवास : वन विभाग की भूमि पर दबंगों ने किया कब्जा

देवास ।  वन विभाग की भूमि पर दबंगों द्वारा किए जब अवैध कब्जे को हटाए जाने की मांग को लेकर सतवास तहसील के ग्राम बेकलिया के ग्रामीणजन कि कलेक्ट्रेट पहुचे ओर ज्ञापन सौपा। शिकायत करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि सतवास तहसील के ग्राम बेकलिया में दबंग भूमाफिया व बाहुबली किस्म के व्यक्ति इमरान खा पिता घुडू खा और उसके लड़के अमिन खा, मोमिन खा हनीफ खां ने बिट क्रमांक 140 में वन विकास निगम की लगभग 70 एकड़ से अधिक भूमि पर कब्जा कर रखा है। बल्कि वह पिछले कई वर्षों से खेती भी कर रहा है। इतना ही नहीं वन विकास निगम की इस भूमि पर इमरात खा ने लंबा चौड़ा मकान भी बना लिया है। जहां पर एक बड़ा परिवार निवास कर रहा है, जबकि इमरत खा की वहां कोई जमीन नहीं है। बेकलिया में सिर्फ दो जमीन है। खसरा संख्या 6 लल्लू खा पिता सरजीत खा, खसरा संख्या 8 सुरेशचंद्र पिता पुनमचंद, इमरत खान और उसके लड़के ने भी निजी जमीन पर कब्जा कर रखा है और डरा धमका के कम कीमत पर खरीदते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जब हम आदिवासी लोग गाय, बैल, भैंस जंगल में चराने जाते हैं। परंतु जंगल में बाहुबली इमरात खान का कब्जा होने के कारण वह हमारी मवेशियों को नहीं चराने देता है और लड़ाई झगड़ा करता है। हमने उससे कहा हम तेरी शिकायत करेंगे तो कहता है कि कर दो यहां कोई नहीं आने वाला 300000 रुपए साल तो मैं रेंजर नाकेदार को देता हुं। भूमाफिया के पास जंगला तोड़कर खेत बनाने के लिए उसके पास तीन ट्रैक्टर है, जिससे रात में वन विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से जुताई करता है। उन ट्रैक्टर पर भी उचित कार्यवाही की जाए। इमरात खा ने कब्जा किया वहां से सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर ही वन विभाग की 10 से 1200000 लाख रु. की नई बिल्डिंग बनी हुई है, परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

इससे यह संदेह होता है कि वन विकास निगम का कोई अधिकारी भी वन अपराध में लिप्त हो सकता है। इससे पहले भी 18/07/2023 को आवेदन देकर आपको अवगत कराया गया, परंतु फिर भी वन विभाग और वन विकास निगम द्वारा लगभग 45 से 50 दिन पूरे होने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। इससे भूमाफिया के हौसले और भी बुलंद हो गए हैं और अब हम आदिवासियों से कहता है कि मेरा कब्जा 15 साल पुराना है। इसे हटाने के लिए तो आपको मुख्यमंत्री के पास जाना होगा। ग्रामीणजनों ने मांग की है कि भूमाफिया को कब्जे से बेदखल नहीं किया गया तो जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए हम आदिवासी लोग अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। जिससे होने वाली समस्त प्रकार की हानि एवं जनहानि की जिम्मेदारी सरकार की रहेगी। साथ ही हम भूमिहीन निर्धन आदिवासियों को निकलने वाली जमीन में चौकीदारी दी, जिससे भूमाफिया द्वारा फिर से अवैध कब्जा ना हो सके।