श्रावण की आखिरी सवारी में नए रथ पर महाकाल स्वरूप निकले रुद्रेश्वर  आठवीं सवारी को देखने उमड़े लाखों श्रद्धालु

दैनिक अवंतिका

उज्जैन ।  श्रावण मास की आखिरी सवारी पर सोमवार को उज्जैन में भगवान महाकाल की सवारी धूमधाम से निकली। लाखों लोग सवारी देखने के लिए उमड़े। सवारी में नए रथ पर पहली बार भगवान महाकाल के स्वरूप रुद्रेश्वर को निकाला गया।इस बार श्रावण का अधिकमास होने से सवारी की संख्या बढ़ने से मंदिर समिति को नए रथ व नए स्वरूप भी बनवाने पड़े। श्रावण मास की यह आखिरी व आठवीं सवारी थी। शाम 4 बजे सवारी शुरू हुई इसके पूर्व मंदिर के सभामंडप में भगवान महाकाल के स्वरूप चांदी के चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया गया।

कलेक्टर, महापौर व महंत ने किया चंद्रमौलेश्वर का पूजन

सवारी पूजन में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनित गिरि महाराज, महापौर मुकेश टटवाल, मंदिर प्रशासक संदीप सोनी प्रमुख रूप से शामिल हुए। पूजन के बाद कहारों ने बाबा को चांदी की पालकी में विराजित कर पालकी उठाई। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने राजा महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर देकर नगर भ्रमण के लिए रवाना किया।

पूरे सवारी मार्ग को रंगोली सजाया गया शिप्रा किनारे पहुंची पालकी

भगवान महाकाल के स्वागत के लिए कलाकारों ने सवारी मार्ग की सड़कों को रंगोली बनाई थी तो कई जगह पुष्पवर्षा कर भी स्वागत किया गया। सवारी में महिलाएं और पुरुष डीजे की धुन पर नाचते-गाते चल रहे थे। कई तरह की धार्मिक झाकियां भी शामिल थी। सवारी महाकाल चौराहे से गुदरी, कहारवाड़ी होकर शिप्रा तट पहुंची जहां शिप्रा के जल से महाकाल का अभिषेक किया गया। सवारी में हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होलकर, प्रथम नए रथ पर घटाटोप, दूसरे नए रथ पर जटाशंकर, तीसरे नए रथ पर नए स्वरूप रुद्रेश्वर नया सप्तधान मुखारविंद निकाला गया। सवारी शिप्रा तट पर पूजन के बाद कार्तिकचौक, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर होते हुए वापस महाकाल मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई।

अब भादौ मास में निकलेगी दो सवारी, पहली 4 सितंबर को

श्रावण मास की आखिरी सवारी निकलने के बाद अब भादौ मास में भी भगवान महाकाल की दो सवारी निकलेगी। भादौ की पहली सवारी 4 सितंबर को आएगी तो दूसरी सवारी 11 सितंबर को निकलेगी। यह सवारी श्रावण-भादौ मास के क्रम में अंतिम शाही सवारी होगी जो बड़े मार्ग से निकलेगी। इस सवारी को देखने के लिए भी उज्जैन में लाखों लोग उमड़ेंगे।

रात 2.30 बजे खुले महाकाल के पट, भस्मारती में हजारों शामिल

श्रावण मास के अंतिम सोमवार को रात 2.30 बजे महाकाल मंदिर के पट खोले गए। पुजारियों ने भगवान का अभिषेक-पूजन किया। अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों लोगों ने दर्शन लाभ लिए। इसके बाद श्रृंगार व आरती की गई व आरती बाद आम दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। श्रावण मास में महाकाल के पट सोमवार को रात 2.30 बजे तो प्रतिदिन 3 बजे खुलते हैं जबकि आम दिनों में सुबह 4 बजे खोले जाते हैं।