नीमच के राजा किलेश्वर महादेव के दर्शन को उमड़ा जनसैलाबयुवा समाजसेवी अरुल अशोक अरोरा ने की पूजा अर्चना

नीमच ।  शहर में कल का दिन ऐतिहासिक बन किलेश्वर महादेव भोलेनाथ के नाम हो गया। सावन सोमवार के अवसर पर निकली शाही सवारी ने रचा इतिहास, जिस भी मार्ग से निकली शाही सवारी, वे भक्ति मे डूब गए। प्रसिद्ध कलाकार सरदार बादशाह ने भक्तों को भजनों से मंत्र मुग्ध किया। शहर के विभिन्न चौराहों पर स्टेज बनाकर सामाजिक संगठनों द्वारा शाही सवारी पुष्पवर्षा की गई कई परिवारों ने घरों की छतों से फूल बरसाएं। इसी ऐतिहासिक भव्य सवारी आयोजन मैं युवा समाजसेवी अरूल अशोक अरोरा गंगानगर की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।
नीमच के राजा श्री किलेश्वर महादेव के जयकारें, रथ में सवार भगवान महादेव, आगे—आगे दिल्ली के कलाकार सरदार बादशाह द्वारा भोलेनाथ के भजनों की शानदार प्रस्तुतियां, भंडिंटा की ढोल पार्टी और आदिवासी भगोरिया नृत्य सहित भव्य आतिशबाजी के साथ जिस—जिस मार्ग से शाही सवारी गुजरी, वे मार्ग भोले की भक्ति से पट गए। जगह—जगह पुष्पवर्षा और स्वागत ने भोले की सवारी को खास बना दिया। सावन माह के सोमवार के अवसर पर शहर के प्रमुख मार्गों से निकली श्री किलेश्वर महादेव की शाही सवारी में जन सैलाब उमडा।
भक्तों में जबरदस्त उत्साह और भीड ने इस वर्ष इतिहास रच दिया।
शाही सवारी के सफल आयोजन में युवा समाजसेवी अरूल अशोक अरोरा गंगानगर बीते एक माह से शाही सवारी को शाही अंदाज देने में जुटे हुए थे। शाही सवारी में साथ—साथ चल रहे युवा समाजसेवी अरूल अशोक अरोरा गंगानगर का जगह—जगह स्वागत किया गया। कहीं पर शाल—श्रीफल भेंट किए गए तो कहीं पर साफा पहनाकर भोले की भक्ति की रोशनी पूरे शहर में फैलाने के प्रयास की सराहना करते हुए अरूल अशोक गंगानगर का स्वागत किया। देर रात शाही सवारी ने श्री किलेश्वर महादेव मंदिर परिसर पहुंचकर विश्राम किया। चमत्कारिक और अति प्राचीन श्री किलेश्वर महादेव मंदिर में सावन माह के दौरान आस्था का सैलाब रोज उमड रहा है। इस वर्ष नीमच के महाकांल किलेश्वर महादेव की शाही सवारी दिव्य और भव्य तरीके से निकाली जाने का फैसला लिया गया था। जिसके तहत भक्तों द्वारा तैयारियां एक माह पहले से शुरू कर दी थी। शाही सवारी में राधाकृष्ण की झांकी, ढोल पार्टी, ब्रहृमा एवं विष्णुजी की झांकी, श्रीनाथजी व श्याम बाबा की झांकी, आदिवासी भगोरिया नृत्य, नंदी, अघोरीशंकर, बाहुबली, राजस्थानी ट्रेडिशन ग्रुप, भस्म आरती, भटिण्डा बैंड ने एक से बढकर एक प्रस्तुतियां दी। आगे—आगे झांकियां चल रही थी तो वहीं पीछे—पीछे दिव्य रथ में सवार होकर भगवान श्री किलेश्वर महादेव भक्तों को आशीर्वाद दे रहे थे। बीच में दलेर मेहंदी टीम के जाने—माने कलाकार सरदार बादशाह भोले के भजनों की प्रस्तुतियां देकर शाही सवारी की गूंज कोसों दूर तक पहुंचा रहे थे। शाम करीब तीन बजे श्री किलेश्वर महादेव परिसर पर रथ पर सवार भगवान की पूजा—अर्चना हुई। समाजसेवी आयोजक अरूल अशोक अरोरा गंगानगर आरती में शामिल हुए।
जहां क्षेत्र के प्रसिद्ध समाजसेवी अशोक अरोड़ा गंगानगर ने की पूजा अर्चना की।
मंदिर परिसर से गाजे—बाजे के साथ शाही सवारी शुरू हुई, जो रेलवे स्टेशन रोड, चौकन्ना बालाजी होते हुए श्री अग्रसेन वाटिका पहुंची, जहां पर आकर्षक झांकिया और भगोरिया नृत्य, भटिंडा बैंड सहित कई प्रस्तुतियां शामिल हुई। शाही सवारी की लंबाई करीब एक किलोमीटर तक थी। विभिन्न समाजसेवी संगठन सकल ब्राह्मण समाज, अग्रसेन सोशल ग्रुप, अखिल भारतीय परशुराम सेना, एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन, संस्थाओं द्वारा पुस्तक बाजार, घंटाघर, बारादरी, फव्वारा चौक, पटेल प्लॉजा, कमल चौक, फोर जीरो चौराहे, सहित कई जगहों पर भव्य स्वागत किया।