इंदौर- उज्जैन में अब 30 जून तक आएगा मानसून मानसून ने महाराष्ट्र की बॉर्डर पर दी दस्तक, यहां तक आने में लग सकते हैं 15 दिन

 

इंदौर/ उज्जैन। मानसून और आगे खिसक रहा है। अब मानसून के 30 जून तक इंदौर आने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग द्वारा 19 जून की दोपहर में जारी मानसून अपडेट में बताया गया कि अरब सागर से आ रहे मानसून ने कर्नाटक-गोवा के रास्ते महाराष्ट्र की बॉर्डर पर दस्तक दी है। इसे पूरा महाराष्ट्र कवर करने कर मध्य प्रदेश में आने में 9 से 10 दिन लगते हैं। इसके बाद मध्य प्रदेश बॉर्डर से इंदौर तक आने में 5 दिन लगते हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो 30 जून के बाद मानसून के इंदौर में आने की संभावना है। पहले इसके 25 जून तक आने की संभावना थी। वैसे देखा जाए तो सामान्य स्थिति में मानसून इंदौर में 18 से 20 जून के बीच आ जाता है। उस हिसाब से इस बार करीब 10 दिन लेट होते दिख रहा है।
इधर, चक्रवात के बाद शहर में बादल छाए हुए हैं और तेज हवाएं भी हैं। यह बिपरजॉय का ही असर है। अमूमन इंदौर में 18 से 19 जून तक प्री-मानसून आ जाता है लेकिन इस बार ऐसा मुश्किल दिख रहा है।चक्रवात के कारण मानसून 25 जून के भी बाद खिसक गया।

मानसून के इंदौर आने में देरी क्यों

मानसून 10 दिनों से दक्षिण के राज्यों में एक्टिव है। इसके आज से आगे मूव करने की उम्मीद जताई जा रही है। बावजूद, यह माना जा रहा है कि यह आज भी मूव करेगा तो भी 24-25 जून तक इंदौर नहीं पहुंच सकेगा।

इंदौर, उज्जैन, धार में कम रहा तापमान

मौसमी परिवर्तन के तहत उज्जैन का दिन का अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि इंदौर और धार का तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस रहा। चूंकि पंचमढ़ी टाइगर रिजर्व क्षेत्र है इसलिए वहां तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस रहा। मालवा निमाड़ में खरगोन सबसे ज्यादा गर्म रहा। यहां तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के 19 से 21 जून तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हल्की बारिश की संभावना जताई है जबकि इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में इसका असर नहीं रहेगा। 21 जून के बाद इंदौर में हल्की बारिश हो सकती है।