April 25, 2024

इंदौर। एक डीलर को दोपहिया वाहन बगैर रजिस्ट्रेशन उपभोक्ता को सौंपना महंगा पड़ा। अपंजीकृत वाहन सड़क पर दौड़ता रहा। कुछ दिन बाद उसकी चोरी हो गई। वाहन अपंजीकृत था, इसलिए बीमा कंपनी ने क्लेम देने से इंकार कर दिया। उपभोक्ता ने वाहन बेचने वाले डीलर के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर किया। आयोग ने माना कि डीलर ने बगैर रजिस्ट्रेशन वाहन ग्राहक को सौंपकर लापरवाही की है। फोरम ने डीलर को आदेश दिया है कि वह वाहन की पूरी कीमत उपभोक्ता को लौटाए। इस रकम पर छह प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा। उपभोक्ता को हुए मानसिक संत्रास और परिवाद व्यय के रूप में पांच-पांच हजार रुपए अलग से देने होंगे।
नंदानगर निवासी मुरलीधर दांगी ने 24 अगस्त 2016 को वायएन रोड स्थित रेमन मोटर्स से हीरो डीलक्स मोटर साइकिल खरीदी थी। इसकी कीमत 47,334 रुपये थी। परिवादी ने वाहन खरीदते वक्त पूरी कीमत, बीमा शुल्क और आरटीओ शुल्क डीलर को दे दिए थे। इसके बावजूद वाहन पंजीकृत नहीं करवाया गया।