इंदौर पुलिस ने एफबीआई को सौंपी 1000 ठगाए गए अमेरिकियों की लिस्ट

मामला 100 करोड़ों रुपए से अधिक की ठगी का

ब्रह्मास्त्र इंदाैर। एक हजार से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों के साथ 100 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के तीन लीगल अटैची अधिकारी इंदौर आए। धोखाधड़ी के इस तरीके को अमेरिकी अधिकारियों ने ‘डच पार्सल’ नाम दिया है।
जांच के लिए मिस्टर माईक, मिस जैनब और एक अन्य सीनियर लीगल अटैची शुक्रवार अपरान्ह 12 बजे पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र से मिले। कमिश्नर ने अधिकारियों को बताया कि जो इंटरनेशनल कॉल सेंटर लसूड़िया में पुलिस ने पकड़ा, उनके आरोपियों से 1 लाख से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों का डेटा मिला है।
साथ ही बताया कि भारत में दिल्ली, गुड़गांव, भोपाल, अहमदाबाद, वड़ोदरा सहित कई शहरों से इस तरह के कॉल सेंटर से अमेरिकी नागरिकों को टारगेट किए जाने की सूचना है। कमिश्नर ने बताया कि 1 लाख अमेरिकी नागरिकों का डेटा उन्हें डार्क वेब और डार्क नेट से मिला।

गिफ्ट कार्ड कैश करने
वाले मनी म्यूल्स है टारगेट

डीसीपी क्राइम निमिष अग्रवाल की मौजूदगी में सूची के आधार पर दो अमेरिकी नागरिक किमौथी ब्लैकफुड और रोज मैरी के ऑनलाइन बयान हुए। केस की डिटेल लेने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने कहा हमने एफबीआई को उन लोगों को टारगेट करने के लिए कहा है जो इस तरह के कॉल सेंटर चलाने वालों से जुड़े हैं और उनके लिए एजेंट बनकर वहां सक्रिय हैं। डीसीपी ने बताया कि ठगी का रुपया आरोपी वहां के गिफ्ट कार्ड, गिफ्ट वाउचर और बिट क्वॉइन वॉलेट में ट्रांसफर कर अन्य देशों की करेंसी में कन्वर्ट कर भारत में लाते हैं। इसके लिए कई लोग कमीशन पर खाते भी देते हैं। अधिकारियों ने ऐसे लोगों को ‘मनी म्यूल्स’ का नाम दिया है। इनकी जांच एफबीआई को सौंपी है।