21 अक्टूबर से महाकाल की 3 आरती का समय बदलेगा

– ठंड के दिनों में सुबह की आरती देर से व शाम की जल्दी होगी

ब्रह्मास्त्र उज्जैन। ठंड के दिनों में भगवान महाकाल की दिनचर्या में बदल जाती है। इसमें सबसे खास होती है आरतियां। सुबह से शाम तक होने वाली आरतियों का समय अब ठंड में बदल जाएगा। सुबह के समय होने वाली आरती देर से होगी तो शाम की आरती जल्दी की जाएगी।

ठंड के दिनों में भगवान महाकाल की आरतियों के समय में परिवर्तन की परंपरा पुराने समय से ही चली आ रही है। यह परिवर्तन कार्तिक मास लगते ही होता है। इस बार कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा 21 अक्टूबर को आ रही है। इसी दिन से आरती के समय में परिवर्तन होगा। फिर यह समय आगामी फाल्गुन मास की पूर्णिमा यानी होली पर्व तक चलेगा। वर्ष में दो बार 6-6 माह के अंतराल से आरतियों के समय में परिवर्तन होता है। दिवाली से होली तक और फिर 6 माह इस तरह क्रम चलता रहता है। महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि ठंड के मौसम सुबह आरती देरी से होती है क्योंकि सुबह के समय अधिक ठंड लगती है। वहीं शाम को जल्दी आरती की जाती है इसका भी कारण मौसम में ठंडक ही होता है।

21  अक्टूबर से ये हो जाएगा बाबा की आरतियों का समय

दद्योदक आरती – अब प्रातः 7.30 से 8.15 बजे होगी।

भोग आरती  प्रातः 10.30 से 11.15 बजे तक की जाएगी।

संध्या आरती शाम 6.30 से 7.15 बजे तक होगी।

नोट – तीनों आरती का समय गरमी में वर्तमान समय से आधे घंटे कम-ज्यादा होता है।

भस्मारती, संध्या पूजा व शयन आरती के समय नहीं बदलेंगे

रोज तड़के 4 बजे होने वाली भस्मारती व रात में होने वाली शयन आरती के समय में कोई बदलाव नहीं होगा। शाम की संध्या पूजन भी समय पर होगा। सुबह व रात की आरतियां रोजाना के निर्धारित समय पर ही की जाएगी। भस्मारती प्रतिदिन तड़के 4 बजे से 6 बजे तक होती है जबकि शयन आरती रात 10.30 से 11 बजे तक की जाती है। संध्या पूजा शाम 5 से 5.45 बजे तक होती है। इन तीनों आरती-पूजा का समय पूर्व की तरह ही जारी रहेगा।