सैयदना सा. की एक झलक मिलते ही गूंजी मौला-मौला मुफद्दल मौला की सदाए

दैनिक अवन्तिका  इंदौर
चार साल बाद दाऊदी बोहरा समाज के 53वें धर्मगुरु डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन गुरुवार को इंदौर आए। इस मौके पर वे सुपर कारिडोर पर आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में 15 मिनट रुके। यहां उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों समाजजन जुटे थे। जैसे ही वे मंच पर आए, पंडाल में मौला-मौला…मुफद्दल मौला की सदाए गूंजने लगी। उन्होंने अपने हाथ ऊपर करके सबके हक में दुआएं की। उन्होंने कहा, सबकी जिंदगी में खुशहाली हो और रोजी में बरकत आए। एक इमाम हुसैन के अलावा जिंदगी में कोई गम न हो। इस दौरान समाजजन की आंखें छलक उठी। सभी को सहजता से दीदार हो, इसके लिए वे पंडाल में बने 200 फीट लंबे रैंप पर चले।
इंदौर के लोगों की मोहब्बत देखकर बहुत खुश हूं
सैयदना ने कहा कि खुदा सभी को स्वस्थ, सुरक्षित और आबाद रखे। सबको रोजी में बरकत मिले। आप लोगों ने मुझे बहुत याद किया, इसलिए बेटमा जाने से पहले मैं यहां रुका। इंदौर के लोगों की मोहब्बत देखकर बहुत खुश हूं। मोहर्रम के अशारा मुबारका की नौ दिनी वाअज में सभी समाजवासी कारोबार बंद रखकर शामिल हों। इसके बाद सैफी नगर के आमिल शेख सैफुद्दीन भाई जमाली सहित सभी 13 बोहरा बहुल क्षेत्रों के आमिल ने सैयदना साहब से इस बार मोहर्रम पर इंदौर आने का निवेदन किया। इस पर उन्होंने आने के संकेत देते हुए कहा कि लंबे समय समय के लिए आऊंगा। उनके द्वारा मोहरम् पर अशारा मुबारका की नौ दिनी वाअज के लिए आने की जगाई। इससे समाज में खुशी फैल गई।
दुआ कर इमाम हुसैन की शहादत पढ़ी
समाज की जनसंपर्क समिति के मीडिया प्रभारी मजहर हुसैन सेठजीवाला एवं बुरहानुद्दीन शकरूवाला ने बताया कि दुआइया कालेमात में सभी की भलाई, खुशहाली, सुख, शांति के लिए दुआ कर इमाम हुसैन की शहादत पढ़ी गई। इस अवसर पर या हुसैन की सदा के साथ पुरजोश मातम हुआ। अंजुमने सैफी दाउदी बोहरा जमात के पदाधिकारी ताहेर जावद वाला, मुफ्फजल जौहर यूसुफ मंदसौर वाला व जुजर देवास वाला सहित समाज की बुरहानी गार्ड, शाबाबुल ईदुज जाहाबी आदि ने व्यवस्था में सहयोग दिया।